Page 31 - CafeSocial-July-2021
P. 31
हमारे समाज म ाचार भी ई र क तरह सव ापी है िफर भी हर आदमी अपने आपको ईमानदार
बोलता है | समाज म ा ाचार और पाखंड पर चोट करती हई ं ंखला का दसरा भाग
ु
ू
गतांक से आगे…..
अगली गवाही के लए डॉ. कालके तु अदालत म आए।
मामा मार च : आपका नाम, वसाय और पृ भू म ? मामा मार चः ा कभी आपन े अ ताल के समय म नजी ै स
क थी ?
डॉ. कालके तु: मेरा नाम डॉ. कालके त ु है और म लोक के
स अ ताल “ ग यह नरक यह “म दय रोग वशेष के डॉ. कालके तु: पूरा रा गवाह है िक म न े कभी भी अपन े
प म काय रत हँ। यह आने से पहले म राजक य चिक ालय म अ ताल के समय म नजी ै स नह क । त यह भी है िक
ू
वभाग मुख के पद पर था। मुझे काफ सारे म ने कभी नजी ै स म पैसे लए ही नह । म तो अ ताल के
श प भी मले ह , मेर सेवा के लए अलावा जो भी समय मलता था उसको गर ब मर ज को देखने म
रा के सबसे बड़े नाग रक पुर ार लगाता था। मेरे लए चिक ा एक पेशा नह था ब पूजा थी।
“गुलाब ी“ स े भी स ा नत िकया गया म ने कभी भी एक पैसा न तो दवाइय से लया और न ही िकसी
है। मेर ईमानदार , न ा और हनर क मर ज को अनाव क ज च करने के लए मजबूर िकया। मेर इ
ु
मसाल दी जाती है । आदत क वजह से मेरे साथी चिक क मुझसे नाराज रहते थे।
मामा मार च : आप से मलकर मामा मार चः लेिकन म न े सुना था िक सरकार अ ताल क
बेहद स ता हई। वैसे म ने दवाइय बाजार म बकती थ और मर ज को मजबूर िकया जाता
ु
आपका नाम सुना है, लेिकन था िक वे दवाइय को नजी दकान से खर द ?
ु
दभ से कभी आपक सेवा डॉ. कालके तुः आपन े सही सुना था य े बहत बड़ा गरोह था , या कहँ ू
ु
ु
नह ले पाया िक मुझे आज भी होगा। लेिकन म ने कभी भी इस तरह क ै स म भाग
दय रोग नह है! अ ा ये
नह लया। बात यह भी है िक म ने मु चिक ा अ धकार के पद
बताइए िक आपने सरकार को छोड़ा ही इस लए था िक उस जगह ऊपर से नीचे तक सब
अ ताल छोड़ा ? लेन-देन म ल थे, और मेरा वह दम घुटता था । कभी- कभी म ने
डॉ. कालके तु: मेरा मर ज को उन दवाइय के अभाव म दम तोड़ते हए देखा जो
ु
काय काल पूरा हो गया था अ ताल म मौजूद थ लेिकन मेरे साथी चिक क ने उन दवाओ ं
। को बाहर से लेकर आने के लए मर ज को मजबूर िकया था ।
मामा मार चः िफर आपने ा िकया ? ा आपने उनके ऊपर
काय वाही क ?
डॉ. कालके तु: नह ! म न े अपन े व र अ धका रयो को बता दया
था लेिकन मुझे ान म नह है िक
कभी कोई काय वाही क गयी
होगी ।
JULY 2021 31