Page 27 - CafeSocial-July-2021
P. 27
बंद आँख से उड़ान हौसल क
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत ! मन क आँख से हौसल
क उड़ान भरने वाली न ध गोयल के संघष और सफलता क ,
े रत करने वाली कहानी
िनिध गोयल लेखक -च कांत जोशी
वीण ीवा व.
न ध गोयल से मलना ऐसा ही है जैसे आप िकसी ऐसे यो ा उसको पता चला िक वह इन आँख से द नया को नह देख पाएगी।
ु
से मल रहे ह जसके मन म हजार सपने ह , जसे अपने सपन को आ व ास से भरपूर न ध ने इस चुनौती को बहत सहजता से लया
ु
सच करना भी आता है और जसका दय उन लोग के लए धड़कता और आज न ध ने हीन होते हए भी िकसी सामा युवक या युवती से
ु
है जो न सपने देख सकते ह न अपने आसपास क द नया। न ध ादा सि य है और उसक उपल य उसक जीवटता क गवाही
ु
गोयल खुद देख नह पाती है, लेिकन आ व ास, संक और दे रही है।
इ ाश क ि वेणी उनके हर सपने को िकसी तेज धारा क तरह
न ध जब दसव क ा म थी तो नय मत चैकअप के दौरान
बहाकर उसके अंजाम तक ले जाती है। अपनी छोटी सी उ म तमाम
से पता चला िक उसक आँख क रोशनी लगातार कम हो रही है और
अवरोध , मुसीबत , तान , अपमान और वरोधाभास का सामना
धीरे धीरे उसे दखना ब ु ल बंद हो जाएगा। ये जानकर न ध को
ु
करते हए न ध ने वो उपल य हा सल क है जनको पाने म एक
ु
ु
ु
दोपहर तो बहत दःख हआ, लेिकन 14-15 साल क इस लड़क ने तय
सामा युवा को भी मु ल का सामना करना पड़े।
िकया िक जीवन म कु छ न कु छ ऐसा क ं गी जो द नया के लए
ु
न ध वगत चार साल से अपना खुद का एनजीओ चला रही मसाल बने और आज न ध पूर द नया के लए मसाल बन चुक है।
ु
है। आज न ध क सोच और काम का दायरा भारत से बाहर सात न ध क इस या ा म सके साथ कदम-कदम पर खड़ा रहा उनका पूरा
समंदर पार तक जा चुका है। भारत और संयु रा संघ क म हलाओ ं प रवार। उनक माता ीमती ो त गोयल, िपता अशोक गोयल और
को लेकर बनने वाली नी तय के लए बनी 11 सद ीय स म त म बड़ी बहन नेहा गोयल ने न ध को हौसला दया िक ये जीवन क एक
न ध को शा मल िकया गया है। न ध का चयन ोबल वुमन पर ा है और इस पर ा म उसे सफल होना है। घर वाल ने से कभी ये
ं लए
ऑग नाईज़ेशन म भी िकया गया है। डच सरकार ने म हलाओ के एहसास ही नह होने दया िक वह सामा लोग से अलग है।
5 करोड़ यूरो का एक ोजे तैयार िकया तो उस पर चच करने के
ु
दभ वश न ध के बड़े भाई आशीष गोयल को भी यही
ु
लए द नया भर से मा दो लोग को बुलाया गया जसम एक न ध
सम ा है और सके बावजूद आशीष ने श ा से लेकर हर े म
गोयल भी थी। न ध देश के मुख ापा रक संगठन िफ से भी
बेहतर न दश न कर अपना रा ा खुद बनाया और आज वो लंदन के
जुड़ी है। जाने माने उ ोगप त के शव सूर ने न ध को अपने साथ जोड़
एक सं ान म शानदार पद पर है। न ध को अपने बड़ा भाई आशीष से
रखा है। न ध के एनजीओ ारा द ग के लए तैयार क गई एक
भी हौसला और आ व ास मला। न ध ने तय िकया िक मुझे अपना
रपोट का देश के सव ायालय ारा पा रत एक आदेश म
जीवन खुद अपने दम पर ही जीना है और म वह सब काम कर सकती
उ ेख िकया गया है। द ग पर होने वाले अ ाचार को लेकर चल
हँ जो एक सामा कर सकता है।
ू
रहे एक मुकदमे म सव ायालय ने इस रपोट का उ ेख िकया
है।
न ध अपने प रवार के साथ हर सामा जक काय म म जाती
और उसके िपताजी हर से उसका प रचय कराते हए ये ज र
ु
न ध बचपन से ही प टर बनना चाहती थी और चार साल क
बताते िक न ध देख नह सकती है। ये सुनकर लोग को आ य होता
उ से ही अपने बाल मन क क ना क उड़ान को उसने बहत ु
था, लोग कहते थे िक आपको इसक ये सम ा छु पा कर रखना
खूबसूरती से रंग म सजाया भी। न ध जब दसव क ा म थी तो
JULY 2021 27