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बंद आँख  से उड़ान हौसल  क




                                            मन के  हारे हार है, मन के  जीते जीत ! मन क  आँख  से हौसल
                                            क  उड़ान भरने वाली  न ध गोयल के  संघष  और सफलता क ,

                                                             े रत करने वाली कहानी



                िनिध गोयल                                                        लेखक -च कांत जोशी
                                                                                        वीण  ीवा व.
              न ध गोयल से  मलना ऐसा ही है जैसे आप िकसी ऐसे यो ा   उसको पता चला िक वह इन आँख  से द नया को नह  देख पाएगी।
                                                                                    ु
        से  मल रहे ह   जसके  मन म  हजार  सपने ह ,  जसे अपने सपन  को   आ  व ास से भरपूर  न ध ने इस चुनौती को बहत सहजता से  लया
                                                                                         ु
        सच करना भी आता है और  जसका  दय उन लोग  के   लए धड़कता   और आज  न ध ने हीन होते हए भी िकसी सामा  युवक या युवती से
                                                                             ु
        है जो न सपने देख सकते ह  न अपने आसपास क  द नया।  न ध    ादा सि य है और उसक  उपल  य  उसक  जीवटता क  गवाही
                                             ु
        गोयल खुद देख नह  पाती है, लेिकन आ  व ास, संक  और   दे रही है।
        इ ाश   क  ि वेणी उनके  हर सपने को िकसी तेज धारा क  तरह
                                                                न ध जब दसव  क ा म  थी तो  नय मत चैकअप के  दौरान
        बहाकर उसके  अंजाम तक ले जाती है। अपनी छोटी सी उ  म  तमाम
                                                         से पता चला िक उसक  आँख  क  रोशनी लगातार कम हो रही है और
        अवरोध ,  मुसीबत ,  तान ,  अपमान  और   वरोधाभास   का  सामना
                                                         धीरे धीरे उसे  दखना  ब ु ल बंद हो जाएगा। ये जानकर  न ध को
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        करते हए  न ध ने वो उपल  य  हा सल क  है  जनको पाने म  एक
                                                                     ु
                                                                  ु
                                                                        ु
                                                         दोपहर तो बहत दःख हआ, लेिकन 14-15 साल क  इस लड़क  ने तय
        सामा  युवा को भी मु  ल  का सामना करना पड़े।
                                                         िकया िक जीवन म  कु छ न कु छ ऐसा क ं गी जो द नया के   लए
                                                                                             ु
              न ध  वगत चार साल से अपना खुद का एनजीओ चला रही    मसाल बने और आज  न ध पूर  द नया के   लए  मसाल बन चुक  है।
                                                                                ु
        है। आज  न ध क  सोच और काम का दायरा भारत से बाहर सात    न ध क  इस या ा म  सके  साथ कदम-कदम पर खड़ा रहा उनका पूरा

        समंदर पार तक जा चुका है। भारत और संयु  रा  संघ क  म हलाओ  ं  प रवार। उनक  माता  ीमती  ो त गोयल, िपता अशोक गोयल और
        को लेकर बनने वाली नी तय  के   लए बनी 11 सद ीय स म त म    बड़ी बहन नेहा गोयल ने  न ध को हौसला  दया िक ये जीवन क  एक
         न ध  को  शा मल  िकया  गया  है।   न ध  का  चयन   ोबल  वुमन   पर  ा है और इस पर  ा म  उसे सफल होना है। घर वाल  ने से कभी ये
                                               ं   लए
        ऑग नाईज़ेशन म  भी िकया गया है। डच सरकार ने म हलाओ के  एहसास ही नह  होने  दया िक वह सामा  लोग  से अलग है।
        5 करोड़ यूरो का एक  ोजे  तैयार िकया तो उस पर चच  करने के
                                                                ु
                                                               दभ  वश  न ध के  बड़े भाई आशीष गोयल को भी यही
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         लए द नया भर से मा  दो लोग  को बुलाया गया  जसम  एक  न ध
                                                         सम ा है और सके  बावजूद आशीष ने  श ा से लेकर हर  े  म
        गोयल भी थी।  न ध देश के   मुख  ापा रक संगठन िफ   से भी
                                                         बेहतर न  दश न कर अपना रा ा खुद बनाया और आज वो लंदन के
        जुड़ी है। जाने माने उ ोगप त के शव सूर  ने  न ध को अपने साथ जोड़
                                                         एक सं ान म  शानदार पद पर है।  न ध को अपने बड़ा भाई आशीष से
        रखा है।  न ध के  एनजीओ  ारा  द  ग  के   लए तैयार क  गई एक
                                                         भी हौसला और आ  व ास  मला।  न ध ने तय िकया िक मुझे अपना
         रपोट   का  देश  के   सव     ायालय   ारा  पा रत  एक  आदेश  म
                                                         जीवन खुद अपने दम पर ही जीना है और म  वह सब काम कर सकती
        उ ेख िकया गया है।  द  ग  पर होने वाले अ ाचार को लेकर चल
                                                         हँ जो एक सामा      कर सकता है।
                                                          ू
        रहे एक मुकदमे म  सव    ायालय ने इस  रपोट  का उ ेख िकया
        है।
                                                                न ध अपने प रवार के  साथ हर सामा जक काय  म म  जाती
                                                         और उसके  िपताजी हर     से उसका प रचय कराते हए ये ज र
                                                                                               ु
              न ध बचपन से ही प टर बनना चाहती थी और चार साल क
                                                         बताते िक  न ध देख नह  सकती है। ये सुनकर लोग  को आ य  होता
        उ  से ही अपने बाल मन क  क ना क  उड़ान को उसने बहत  ु
                                                         था, लोग कहते थे िक आपको इसक  ये सम ा छु पा कर रखना
        खूबसूरती से रंग  म  सजाया भी।  न ध जब दसव  क ा म  थी तो
                                                                                                JULY 2021 27
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