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ा मं ी हष वधन ने 21 मई को को वन वेबसाइट को हदं ी स हत
ू
10-12 भारतीय भाषााओ म शु करने क घोषणा क । 04 जून से
ं
ं
को वन वेबसाइट 11 भारतीय भाषाओ म शु कर दी गई। वेबसाइट
मूल प से अभी भी अं ेजी भाषा म खुलती है। मुख पृ पर दा हने
कोने पर भाषा का वक रहता है, जह अपनी भाषा को चुना जा
सकता है।
तक िक अमेजॉन, काट , भीम एप, पेटीएम व फोन पे एप पर भी
भारतीय भाषाओ का वक ारंभ िकया गया। भारतीय ेट ब क ने
ं
अपनी नेट ब िकं ग म 10 भारतीय भाषाओ ंका वक शु िकया है।
अगला अ भयान आयकर वभाग के नोिटस
और आधार
वीण जैन ने बताया िक वे 2012 से लगातार यास कर रहे
ह िक आयकर वभाग अपने सभी नोिटस और माण-प हदं ी-
हदं ी के उ ान के लए समिपत ह जैन
अं ेजी म एक साथ भेजना शु करे, थोड़ी सफलता मल भी चुक है,
सु ानगंज के मूल नवासी और बाड़ी नवोदय व ालय
आगे यास जार है तािक आयकर वभाग क सभी सेवाएँ अ नवाय
ं
से पढ़े वीण जैन हदं ी के लए समिपत ह । भारतीय भाषाओ क
प राजभाषा म उपल करवाई जाएँ।
सि य सेवा के लए उ 2016 म मुंबई म आयो जत वै क ह ी
स ेलन म गोवा क त ालीन रा पाल मृदला स ा ने सि य
ु
आधार क नवासी वेबसाइट पर नाग रक क त
ह ी सेवी नामक पुर ार दया था। इसके बाद 2020 म महारा के
सभी ऑनलाइन सेवाएँ मा अं ेजी म ह इस संबंध म
रा पाल भगत सहं को ार ने व ह ी दवस के अवसर पर 10
जनवर 2020 को उ ृ ह ी सेवी स ान दया। सरकार अ धकार 2015 से टालमटोल कर रहे ह ।
आचाय ी व ासागरजी महाराज से मली
ेरणा
वीण जैन ने बताया िक वे 2010 से लगातार भारतीय
भाषाओ के
ं सार व योग को बढ़ाने का काम कर रहे ह । इसक
ेरणा उ आचाय ी व ासागरजी महाराज से मली। आचाय ी
व ासागरजी महाराज का कहना है िक भारत म भारतीय सं ृ त को
बचाना है तो हम अपनी भाषाओ क बचाना ही होगा, सं ृ त का
ं
महल वदेशी भाषा के सहारे खड़ा नह रह सकता है। उ का
आशीव द है िक अब तक उनके यास से भारत सरकार क 500 से
अ धक वेबसाइट को ह ी म बनाया गया है। अनेक सरकार
सं ान के अं ेजी तीक , लोगो को ह ी म बदला गया है। यह
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