Page 28 - CafeSocial-July-2021
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चा हए। लेिकन घर वाल  का और  न ध का मानना था िक हम ये बात    न ध ने कॉलेज म  पढ़ते हए भी हर  दन जो सं ास और पीड़ा झेली
                                                                           ु
        िकसी से नह  छु पाएंगे। इससे  न ध का आ  व ास भी  ढ़ हआ और   उससे अनुमान ही लगाया जा सकता है िक हमारे  श ा सं ान  म
                                               ु
        उसे लगा िक सम ा उसे  दखाई नह  देना नह  ब   लोग  क     श क  क  जगह  नद यी लोग भरे पड़े ह । कॉलेज म   न ध को अलग

        नकारा क मान सकता है।                             से नोट्स नह   दए जाते थे, वो सुनकर याद करके  उनको िकसी दसरे
                                                                                                    ू
                                                             से टाईप करवाकर अपनी पढ़ाई करती थी और ये उसे रोज
              न ध गोयल का पूरा प रवार काल  के  अ ा  क गु  और
                                                         करना पड़ता था।
        आयुव द के   वशेष  डॉ.  ी बालाजी त बे का भ  है।  न ध जब
        गु जी से  मली तो उ  ने कहा, तु ार  सम ा पर  ान मत दो ये       न ध को अपने नोट्स बनाने से लेकर फोटो कॉपी करवाने
        देखो िक समाज म  तुमसे भी  ादा परेशान लोग ह , तुमको उनके   लए   तक म  सम ा आती थी। फोटो कॉपी करवाते समय जब लाईन म
        कु छ करना है।  न ध को तो जैसे गु  मं   मल गया। उसे एहसास हआ   लगी होती थी तो कोई भी उसके  ने हीन होने क  वजह से आगे लाईन
                                                   ु
        िक उसका संप  प रवार है, उसके  प रवार वाले उसे स ान और   म  लग जाता था।

        हौसला देते ह  लेिकन ऐसे
                                                                                      एक  द  ग छा ा पर हर
        लाख  लोग ह गे  जनको ये
                                                                                     दन  होने  वाली  इस
        सुख और सु वधा उपल
                                                                                     ताड़ना   का     ा
        नह , मुझे उनके   लए कु छ
                                                                                    मनोवै ा नक असर पड़ता
        करना  होगा।  इसके   बाद
                                                                                    होगा, कोई क ना ही कर
         न ध ने ड ामा, संगीत और
                                                                                    सकता है।
        लेखन  पर  अपना   ान
        क    त िकया।
                                                                                    लेिकन  जब   न ध  मा र
                                                                                    क  िड ी के   लए गई तो
             लेिकन  मुसीबत
                                                                                    वह   के   लोग   ने  उनका
         न ध  का  लगातार  पीछा
                                                                                    आ  व ास      बढ़ाया।
        करती  रही  और   न ध
                                                                                    लेिकन  न ध ने भी मन म
        उनका सामना कर अपना
                                                         ठान  लया था िक वो न तो उपे ा से आहत होगी न  शंसा से  स
        रा ा बनाती रही। जब मास मीिडया के   लए कॉलेज म   वेश क  बात
                                                         होगी। कोई दसरा उसका  रमोट नह  हो सकता, उसे जीवन म  जो
                                                                  ू
        आई तो ब   को सं ार और  श ा देने वाले  श क ने  न ध से
                                                         करना है वह खुद अपने दम पर ही करके  रहेगी।  न ध के  अंदर आए
        कहा िक इस कॉलेज म  तु ारा बोझ कौन उठाएगा, तुम कै मरे के  पीछे
                                                         इस   त  ता के  भाव ने उसके  आ  व ास और सपन  को नई
        कै से जाओगी। आ  व ास से भर   न ध ने इसका माकू ल जवाब
                                                         उड़ान दी।
         दया और उसे मास मीिडया म   वेश  मला और सबसे सुखद आ य
        इस बात पर है िक उसने पूरे बोड  म  टॉप िकया।  न ध का मानना है िक
                                                               इसके  बाद  न ध ने कभी पीछे मुड़कर नह  देखा।  न ध ने
        सरकार और समाज ने  द  ग लोग  के   लए हर जगह ऐसे बै रयर
                                                                  ु
                                                         मुंबई म   हदं  ान टाई  म  ट नै ी प कार के   प म  काम िकया।
        बना रखे ह  िक वे अपनी   तभा के  दम पर समाज क  मु  धारा म
                                                         म हलाओ क  अं ेजी पि का  ू वुमन म  काम िकया। इसके  बाद वो
                                                                ं
        शा मल ही नह  हो सकते।
                                                         म हलाओ के
                                                                   अ धकार  के   लए काम करने वाले एनजीओ म  शा मल
                                                         हो गई।
             जब  न ध पो   ेजुएशन म   वेश  लया तो उसे कहा गया
        िक पर  ा के   लए उसे राईटर (जो      न ध के  कहे अनुसार
                                                               जब सरकार ने को वड टीकाकरण क  योजना बनाई तो
        उसके     प   हल  कर  सके )  जब   न ध  ने  इसको  लेकर  उ
                                                          न ध ने देखा िक इसम   द  ग  के   लए कोई सु वधा नह  है। वे कै से
         ायालय का एक आदेश  दखाया तो उसे कहा गया िक तुम हम
                                                         अपने मोबाईल पर आए एसएमएस को देख गे और कै से टीके  के   लए
        धमक  दे रही हो।
                                                         क    क  खोज कर गे।  न ध ने बगैर देर िकए उनके  टीकाकरण क
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