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ये मुआ स्टेटस  …हास्य व्यंग्य

“दुनिया में आए हैं तो जीना ही पड़ेगा, जीवन है अगर जहर तो पीना ही पड़ेगा ” … अब   ये उदासी का सबब  न पूछो दरअसल ये सारी दुनिया स्टेटस के पीछे मरी जा रही है ,फलाने के पास ये वाला मोबाइल तो ढेकाने के पास वो वाला और तीसरे के पास तो आई फोन। मिश्रा जी के पास ये वालीं कार तो गुप्ता जी के पास और बड़ी कार, सिंह साहब ने तो बाजी ही मार ली, सीधे ले आये कार का लेटेस्ट मॉडल  लो बढ़ गया स्टेटस । 

   पहले बाजार गए थान से कपड़ा कटवाया और बन गयी शर्ट,  पतलून, सूट सलवार पर अब तो भैया ब्रांडेड कपड़ा ही पहनना है स्टेटस का जो सवाल है।एसी मॉल में गए कपड़े उठाए कोई मोल -भाव भी नहीं, पूरे पैसे शान से दिए और चले आए और आते हुए कोई परिचित मिल गया तब तो पौ बारह ,हमारे हाथ में लटके बैग में शो रूम का नाम तो वो पढ़ ही लेगा और हम गर्व से फूल के कुप्पा हो जाएंगे, सब  स्टेटस की महिमा ठहरी। 

 कभी-कभी बड़े महंगे वाले होटल की पार्टी में जा कर यूं  तो बहुत खुश होंगे लेकिन ऊपर से खुशी जाहिर करने से बाज आयेंगे, यहाँ स्टेटस शरीर की धमनियों में प्रवाहित होता नजर आएगा जिसकी ऊर्जा से लोग समझ जाए कि भई ,ऐसे होटलों में तो इनका रोज का आना- जाना लगा रहता है।

फिर पता चला कि असली स्टेटस तो जूतों से होता है तो जूते तो मोची के जानदार होते थे उसको आउट कर के बड़े वाले मोची से लेना शुरू हो गया। अब सारा स्टेटस बन ठन गया था और बबुआ जी झकाझक लग रहे थे कि एक बार फिर स्टेटस का बाजार गर्म हो गया। इस स्टेटस का कपड़े-लत्ते, जूते-चप्पल  ,कार-वार   से कुछ लेना-देना नहीं पर मोबाइल से है तो क्या महंगा वाला मोबाइल खरीदना होगा? 

“अरे नहीं जनाब! मोबाइल चलाना आना चाहिए”।

 “हाँ मोबाइल तो चलाना खूब आता है। फ़ेसबुक, वाट्सप्प तो दिन भर चलाए रहते हैं “

“बस-बस वॉटसप्प की ही महिमा है ये स्टेटस। ये स्टेटस आपका सारा स्टेटस बता के रख देगा। 

“हम तो वाटसप्प चला कर ही अपने को बड़ा विशेषज्ञ समझे थे पर ये स्टेटस सुनकर दिमाग की घंटियां घनघना उठीं। वाट्सप्प  के एक स्काॅलर ने बताया कि वाट्सप्प  खोलते ही ऊपर की  ओर स्टेटस चमकता है उसे छू भर लो फिर देखो  कैसे होते हैं आपके वारे-न्यारे !स्काॅलर  की  बात का अनुसरण किया गया।यहाँ स्टेटस पर देखा लोगों की  झमाझम फोटो लगती हैं। आज बर्थडे है तो फोटो ,आज घूमने गए तो उसकी फोटो, आज शादी की सालगिरह है तो उसकी फोटो। फोटो तक तो ठीक है।
अब मन दुःखी है तो दुख भरी लाइन  चिपका  दी, -ये  दुनियाँ पत्थर की है, कभी पिघलती नहीं ” 

पढ़कर न जाने मन कैसा-कैसा हो गया, हाल पूछा जनाब का तो पता चला ‘ऐसे ही बस मम्मी ने फिल्म के लिए पैसे नहीं दिए थे  इसलिए …..  मन तो  किया  कि  वहीं लगा दें दो कस कर…. ,फिर  इश्क- मोहब्बत की शेरो शायरियों से  स्टेटस महकाया जाता  है  अब जिस कली या फूल तक संदेसा पहुंचाना हो वो  किसी  को  भी भनक पड़े बिना पहुँच जाता है।

यहाँ तक तो स्टेटस का काम बड़ा अच्छा चल रहा था लेकिन प्रेम के बाद लड़ाई-झगड़े का होना तय है तो यहाँ भी शुरू हो गयी लड़ाई यानी स्टेटस वार ।जहाँ पहले वाट्सप्प समूह लड़ाई का अखाड़ा बन जाता था  लेफ्ट राईट की परेड शुरू हो जाती थी  पर अब लड़ाई स्टेटस पर चलती है। जो बात किसी की न भावे उसका जवाब स्टेटस पर उतार आवे, पूछे तो बतावें  “अरे!आपके लिए थोड़ी न कहा था ” मतलब तीन तेरह का कोई सवाल नहीं,  कत्ल भी कर दिया और इल्ज़ाम भी नहीं।


वाट्सप्प समूह में नाराज हुए, स्टेटस पर चस्पा कर आए ‘हमने तुम्हें एलआईसी (LIC)समझा था तुम तो ओटीपी (OTP) निकले ” ,(साभार वाट्सप्प  स्टेटस)ज्यादा गमगीन हुए तो शेर मार आए “हमारी चाहतों का ये सिला दिया तुमने…..” , कुछ लोग समझते नहीं हमारी क़ीमत उन्हें ठेंगा दिखाया जाये….”,और राजनीतिक उठापटक करनी हो तो वो भी स्टेटस पर झाड़ आए कभी वीडियो दिखा कर,   कभी बढ़िया सी कविता लगा दी जिससे दिमाग की चूलें हिल जाएं ,ये सभ्य झगड़ा हमारे बुद्धिजीवी मित्र करते हैं। मतलब स्टेटस के वार से कोई बचा नहीं है। सच ये मुआ स्टेटस किसी को चैन से जीने नहीं देता, रंग बदल-बदल कर दुःखी किए रहता है ।अब समझ आया उदासी का सबब…!

लेखिका 
डॉ जया आनंद
प्रवक्ता,स्वतंत्र लेखन
@maipanchamigmail.com4812
@JayaAnandNigam1 

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