Satire

व्यंग्य – लखनऊ का संत

इसकी गलियों में फरिश्तों के पते मिलते हैं

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व्यंग्य – और लैला मजनू मिल गए

हुस्न हाजिर है मुहब्बत की सजा पाने को कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को । मेरे जलवो की…

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व्यंग्य – हमारी बड़ी बहू

हमारी सोच पर ब्रेक लगाते मियाँ भोपाली मुस्कुराये फिर पान की पीक को निगलते  गँभीर चेहरा बनाते हमें टोक बैठे."मोहतरमा,ऊ…

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(व्यंग्य) – साहित्य का कैशबैक

मैं क्या करता ,अंत में उन्होंने कहा कि साहित्य के हित मे वो अवार्ड कैंसिल नही करेंगी इसलिये अब कविता…

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व्यंग्य – जाति ना पूछो साधु की

ऐसा ही नजारा आजकल हमारे न्यायालय (कोर्ट) परिसर में दिखाई पड़ रहे है जहां आजकल न्यामूर्ति साहेब खुले आम चीन…

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व्यंग्य – आज के अंगुलिमाल (भाग २)

शिशुपाल: मेने आपकी ईमानदारी की काफी कहानी सुन रखी थी और मुझे आपको इस हालत में देख यकीनन काफी दुख…

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व्यंग्य – आज के अंगुलिमाल

आप सोच रहे होंगे तो इसमें इतना सोचने की क्या बात हैं? हमारा भारतीय समाज तो उपहार लेने और देने…

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“अब तुम कुत्ते वाले हो गए हो”

   डॉ.करुणा पाण्डे – 9897501069  2/62 -सी , विशालखंड ,गोमतीनगर ,लखनऊ | बात उस समय की है जब हमने वी.आर.एस. लेने…

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ये मुआ स्टेटस  …हास्य व्यंग्य

पढ़कर न जाने मन कैसा-कैसा हो गया, हाल पूछा जनाब का तो पता चला 'ऐसे ही बस मम्मी ने फिल्म…

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Poverty & Calamity; Most saleable products of Modern Era

These appeals are well drafted, photographed & rehearsed and video graphed by expert of theirs fields. These appeals are bundles…

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