Page 34 - Cafe-Social-June-2021
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म दल-ए-ब क बोल रहा ँ Hyp-O-Crazy by Betaal
Wandering Soul | In search of VikramadityA
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म ब क (Bank) का दल बोल रहा हँ, उसी ब क का जससे आपका लए ना के वल मूक
वष का नाता रहा है और जसके साथ आपने हर छोटी बड़ी खुशी दश क बने रहना
और गम साझा िकये है। आज आप मुझसे नाराज है और ना हो, पसंद िकया ब
गलती आपक भी नह है। आपने तो मुझे सर आँख पर बैठाया था गलत जानकार भी
और आज म ..... (आँख म आंसू ) आपके लए कु छ नह कर पा रहा दी।
हँ, आपको ल ी ल ी लाइन म देख मुझे कु छ भी अ ा नह लग
ू
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रहा लेिकन म ा क ँ म मजबूर हँ , मुझे अ ा नह लग रहा है ह आपके ब ो के
आपको परेशान देखकर , आपक बेटी क शादी के लए या िफर भ व के लए जो
ब े क पढ़ाई के लए या िफर आपक वो दवाइय !
पैसा था वो ही लगा
था इन बेईमान लोग क कोठ म , आपके रटायरम ट के पैसे से ही
सब तो पता है मुझे आप ही ने तो बताया था जब आप अपनी न ी
महँगी शराब परोसी जाती थी और आपका ही तो पैसा था जससे ये
ब ी क धूमधाम से शादी करने के लए छोटी रकम हर महीने जमा
लोग वदेशो म रंगरे लय करते थे।
करते थे या िफर वो आपक होनहार बेटी और बेटा जसक पढ़ाई के
लए आप अपना बोनस जमा करते थे।
सरकार, सरकार को ा दोष दे, वो तो अपने अ धका रय , ऑिडटस
मुझे आज भी याद है जब आपका जूता ज रत से ादा फट गया था
और दसर सं ाओ पर नभ र रहती है, काश इन लोगो को पता होता
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और म ने आपको नया जूता लेने के लए बोला था तो आपने हँस कर
िक जस व ास से ये लोग खेल रहे है, उस व ास के ऊपर िकतने
मना कर दया था िक आप अपनी लाड़ली के ू टी के लए पैसे
मासूम का भ व , िकतने ईमानदार उ मय के सपने और िकतने
जमा करने आये थे।
कम चा रय का बुढ़ापा िटका हआ है। काश इनको पता होता िक
ु
कभी कभी तो आप ये सभी बात सफ मुझे ही बताते थे, वो आपका इनके इस कदम से मेरे और कई भाई लोग का ब को से व ास उठ
जायेगा?
सेवा नवृ त के बाद ग व जाकर व ालय के लए पैसा बचाना और
नर ह जानवर के लए पानी क टकं बनाना या िफर अपनी धम प ी
के साथ तीथय ा ा पर जाना, सब तो याद है मुझे। ा इ े नह पता था िक इनक कारगुजा रय का ा प रणाम
होगा या िफर इ नह पता था िक इनको इनके कम क सजा भी
अब म ा बताऊँ आपको, आंसू और पसीना आपका बह रहा है और
मल सकती है?
दल मेरा रो रहा है , ह एक ब क का दल रो रहा है.. िक मेरा और
आपका र ा सफ ब क और ाहक का नह था ब व ास का
म रो रहा हँ. .. आपक परेशा नय को देखकर लेिकन मुझे थोड़ी खुशी
ू
था और म इस पर खरा नह उतरा।
भी हो रही है िक इन बेईमान को पकड़ा जा रहा है।भगवान कर इ
म ने तो हमेशा आपके व ास को कायम रखना चाहा, लेिकन म हार ऐसी सजा मले जससे ये भ व म मेरे और आपके बीच का व ास
गया, म हार गया उन बेईमान वत क (Promoters) से ज ने ना तोड़ सके ।
अपने थोड़े से लालच और बेईमानी के लए आपके व ास को बेच
दया, म हार गया उन बेईमान उ मय से ज ने छल कपट से
मुझे खुशी हो रही है िक आपको परेशा नय से बचाने के लए
उधार लेकर आपको परेशानी म डाल दया।म उन तं नदेशक
भारतीय रज़व ब क और सरकार को शश कर रही है। म भी
(Independent Directors) से भी हार गया, जो थे तो तं
को शश कर रहा हँ जससे आपके व ास को िफर से जीता जा सके
ू
लेिकन सफ उपहार लेने और गलत चीज पर परदा डालने के लए। और िफर से सुन सकूँ वो लाड़ली क कहानी और व ालय क बनती
हई दीवाल।
ु
अब म आपको रेिटगं एज सीज (Rating Agencies) और हमारे
लेखा पर को (Auditors) के बारे म ा कहं , ये वो लोग थे
ू
जनको बेईमान वत क , नदेशक और वंधको के बारे म भारतीय व ास करे म िफर से वापस आऊं गा, म ब क (Bank) का दल बोल
रज़व ब क और सरकार को बताना था पर इ ोने अपने ाथ के रहा हँ... ू
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