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ता
इनबुक
रा भाषा हदं ी
Inbook’s Wall का जीवन म मह तयो गता 2020
का स ान
वशेष पुर ार
वजेता लेख
- संजय कु मार
ता को ई र का दसरा प माना जाता है। यह कहा जाता है रहती है, शर र म ऊज और ू त हलोर लेती है, जसका
ू
िक जह ता होती है, वह देवता वास करते ह । मनु के सकारा क असर काय मता पर पड़ता है। आज के आ थक युग म
जीवन म ता का मह सनातन काल से रहा है। हमारे वै दक काय मता के अ का पैमाना है। िक जब क
ंथ और धम शा म भी ता के माहा का वण न िकया काय मता बढ़ेगी तो उसका आउटपुट बेहतर होगा। आउटपुट बढ़ने
गया है। मनु ृ त म धम के दस ल ण म शु चता (अथ त भीतर से उसक आमदनी बढ़ेगी और आमदनी बढ़ने से उसका जीवन
और बाहर क प व ता) को भी एक मुख ल ण माना गया है- नव ह सुगम होगा। जीवन नव ह सुगम होने पर क स ता
म अ भवृ होगी, जो उसे और भी रखने म सहायक होगी।
धृ त: मा दमोऽ े यं शौच म य न ह:।
धी व ा स वम ोधो दशकं धम ल णम् ।। तन क ता के साथ-साथ मन क ता का भी सामा जक
जीवन म अ ंत मह है। मन क ता से हमारा आशय
या व ृ त म धम के नौ ल ण का उ ेख मलता है। इनम वैचा रक शु चता से है। जब मन काम, ोध, लोभ, मोह, म र जैसे
शु चता को भी धम का एक ल ण कहा गया है- अवगुण से दर होगा तो मनु के भीतर क ‘अयं नज: परो इ त....’
ू
वाली भावना तरो हत हो जाएगी और वह ‘वसुधैव कु टु कम्’ क
अ हसं ा स नम ेणयं शौच म य न ह:। राह पर चल पड़ेगा। वह ‘हम बढ़ , सब बढ ’ के स त का अनुयायी
दानं दमो दया शा म: सव ष धम साधनम् ।। हो जाएगा। जस समाज म लोग के भीतर इस तरह क उदा
भावना वक सत हो जाएगी, वह समाज ग से भी सुंदर बन
ीम ागवत के स म म सनातन धम के तीस ल ण जाएगा और वह हर तरह क खु शय और समृ य नवास करने
बतलाये गए ह , जसम ता भी एक मुख ल ण है- लग गी।
“स ं दया तप: शौचं त त े ा शमो दम:।
अ हसं ा चय च ाग: ा ाय आज वम्..........।।”
उपयु उ रण से यह हो जाता है िक जस चीज को
मनीिषय ने हमारे धम क सं ा दी हो, वह चीज हमारे जीवन म
िकतनी मह पूण हो सकती है।
जब हम ता क बात करते ह तो हमारा आशय तन, मन और
प रवेश क ता से है। एक सामा जक ाणी होने के नाते
मनु के जीवन म इन तीन कार क ता का खास मह है।
तन क ता उसे बनाती है, जसके कारण वह यं भी
बीमा रय से दर रह सकता है और अपने संपक म आने वाल को भी
ू
इनसे महफू ज़ रख सकता है। शौच के बाद हाथ धोना, मंजन करना,
न ान करना, भोजन आ द के पूव ह ालन और भोजन के
प ात मुख ालन जैसे सं ार शर र को रखने के लए ही
बनाए गए ह । जब शर र साफ होता है तो मन म सुखद अनुभू त
36 JUNE 2021