Page 17 - Cafe-Social-June-2021
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खाक क शान संघष और व ास से पूण , तभा
का सूय चमक कर ही रहता है
पु लस उपमहा नरी क, ी चं शेखर सोलंक जी से उनके
जीवन, संघष और पु लस के मह के बारे म बातचीत
डीआईजी अपनी खुश मजाज के लए पहचाने जाते ह। लोग को
हसं ाना और तनाव रखना उनक खा सयत ह।ै जनता से हमेशा जुड़े रहते ह।
समय-समय पर वो अपने नए अंदाज भी दखाते रह े ह,ै वह का बले तारीफ ह।ै
उनके ब मुखी अंदाज उनके को दशा ते ह।ै
सवाल-आपक सफलता के पीछे कसका हाथ ह?ै जवाब-प रवार को समय देना इस नौकरी म ब त ही चुनौतीपूण
जवाब: मेरी सफलता के पीछे मेर े गु जन, प रवार और मेर े माता काय ह,ै फर भी जब भी समय मलता ह ै म अपना समय प रवार
पता का आशीवा द ह।ै को देता ं। प रवार म मेर े पताजी ह, प ी(ने च क क) ह,
दो ब े बेटा 9 साल का और बेटी 2 साल क ह।ै जब भी म घर
से नकलता ं तो पताजी का आशीवा द लेकर ही नकलता ं।
सवाल-आपने अपना सफर कहां से शु कया?
जवाब: म ने अपना सफर एक गांव ताजपुर जो उ ैन जले म
आता ह,ै वहां से शु कया। मेर े पताजी एक श क रह े ह। सवाल-आपने अभी तक कहां-कहां काय कया, और आपका
सबसे अ ा अनुभव कहां रहा?
हम पांच भाई बहन ह, जसम से म सबसे छोटा ं।
जवाब-सव थम पु लस अधी क के तौर पर मेरी ापना
अशोक नगर म ई, उसके बाद जबलपुर म कमांड ट अधी क
सवाल-आपके जीवन म सबसे बड़ा ल ा ह?ै
रहा ं, त ात द तया पु लस अधी क, पु लस अधी क
जवाब-मेर े जीवन का सबसे बड़ा ल यह ह ै क म जतना
उम रया, पु लस अधी क देवास रहा ं। अभी वत मान म
ादा से ादा हो सके उतना लोग का भला कर सकूं , उनक
डीआईजी ामीण इंदौर ं। सभी जगह म ने पूण न ा, समप ण
सेवा कर सकूं , उनको ाय दला सकूं । म हलाओ,ं ब और
और सेवाभाव, ईमानदारी से काम कया ह।ै सभी जगह ब
गरीब लोग क ादा से ादा सेवा कर सकूं । म हलाएं और
म हलाओ,ं बुजुग और गरीब प रवार प रवार के साथ कसी भी
ब य को कसी भी तरह क कोई भी सम ा हो उनका
कार का अ ाय न हो, इस भावना से काय कया ह,ै और आगे
समाधान कर सकूं । उन पर कोई अ ाचार ना हो सके , यही मेरा
भी करता र ंगा। अपरा धय पर स कारव ाई कर अपराध पर
ल रहता ह।ै और जो भी अपराधी हो उसे स सजा दलवा
अंकु श लगाएं रखने क को शश क । और जहां भी मुझे पु लस
सकूं , ता क अपराध पर पूरी तरह से नयं ण हो सके ।
लापरवाही का कोई के स सामने आया उस पर भी स ी से
कारव ाई क । म ने मेर े काम म कोई कमी नह छोड़ी, इस बात क
सवाल-आप क श ा कहां से ई ह?ै
मुझे संतु भी ह ै और खुशी भी।
जवाब-मेरी ू ली श ा ताजपुर गांव से ही ई जहां तक दसव
तक पढ़ाई क , उसके बाद आगे क पढ़ाई उ ैन शहर से क
सवाल-अपने जीवन के संघष के बारे म कु छ बताइए?
जहां म ने हाई सेक डरी, बीएससी, एमएससी के म ी से कया।
जवाब-जीवन तो संघष का नाम ही ह,ै और संघष को वपरीत
उसके बाद एमबीए जीवाजी यू नव स टी ा लयर से कया।
प र तय म अपने आप को ढाल कर प र तय के
सवाल-अपने प रवार के बार े म कु छ बताइए, आप उ कतना
अनुकू ल काय कर तो आप सफल ह गे ऐसा मेरा मानना ह ै ।
समय दे पाते ह?
आपके जीवन अनेक चुनौ तयां आती जाती रहती ह।ै एक का
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