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खाक क शान खाक :
ये वद है ब लदान क
पु लस और पु लस वाले का नाम लेते ही
हमारे मन म ा वचार आता है? हम नह
कह सकते िक ा वचार आता हे लेिकन
बहत से लोगो के मन म हमार खाक के लए
ु
ादा अ े वचार नह आते है और इसम
आपक गलती नह है िक हमारे चारो
तरफ पु लस क एक नकारा क छ व ही
दखाई जाती है, चाहे वो हमार िफ हो या
िफर सी रयल और या िफर समाचार प । हर
जगह सफ एक पु लस वाले के ारा िकया
हआ गलत काम ही दखाया जाता है। जबिक
ु
बुरे लोग हर सेवा और वसाय म होते है।
लेिकन ा हमने उनके अ े काय को कभी
सराहा है? ा हमने कभी उनके ब लदानो के
हमारे दन त दन क सुख श त के लए चौक ी रहती है। ा
बारे म चच क है या िफर हमार मीिडया या समाचार प ने
अपने कभी सोचा है िक जन ोहार का हम बेचैनी से इंतज़ार
हमार खाक के सकारा क पहलु को दखाने के लए उतना
करते है उन ौहारो के दौरान हमार सुर ा के लए हमार खाक
य िकया जतना वो अपरा धय और आतंकवा दय के मानवीय
दन और रात एक कर देती है। हम घरो म उ व मना रहे होते है,
चेहरा दखाने के लए करती है? उदाहरण के लए, हम यातायात
उस दौरान उनके ब े और प रवार अपने िपता, म , बेटे, भाई या
पु लस के जवानो को बुरा बोलते है। लेिकन ा कभी हमने सोचा
ब हन क कमी को महसूस कर रहे होते है।
है िक हमार जान बचाने के लए वो गम भर दोपहर , बरसात
और सद म खड़े रहते है और वाहन से नकला हआ धुंआ पीते है,
ु
हमार आंत रक सुर ा और श त को कायम रखने के लए, खाक
िकसके लए? हमारे लए, लेिकन
अपने र को पानी क तरह बहाया। चाहे वो २६/११ का मुंबई
हम ा सोचते है? पर आतंकवादी हमला हो या िफर बटाला हाउस मुठभेड़ हो, हमारे
खाक के जवान अपना ब लदान देने से पीछे नह रहे। ा शहीद
ं
हमारे समाज म पु लस का ान शेर दल ी तुकाराम ओबले के अद साहस के बना मुंबई हमले
ाण वायु क तरह होता है जसक का सच सामने आ पाता ? ये िफर शहीद वीर ी मोहन चं शम
के ब लदान के बना द ी एक और बम धमाके से बचती? ऐसे
उपल ता नह ब कमी को
कही अन गनत उदहारण है जब खाक हमार र ा के लए अपना
महसूस िकया जाता है।
र बहाने से भी पीछे नह हटी।
अगर देश क सीमा क सुर ा के लए हमार सेना के जवान
""न दखती है इनके माथे पे शकन।
अपना सुख चैन छोड़ त र रहते है तो देश के अंदर हमार खाक
महफू ज रखते ह फज से अपना वतन""
JUNE 2021 15