Page 12 - Cafe-Social-June-2021
P. 12

ज़रा याद करो क़बा नी
                                ु
     Inbook’s Wall  गलवान के  शहीद





              अनजानी राह  पर  वीर ही आगे बढ़ते  है, कायर तो जानी राह   पर ही तलवार चमकाते है.
                                                                                     - नेपो लयन बोनापाट



         ऐसा  लगता है  क  ये श  गलवान म   शहीद और अ  पद  वीरो के   लए ही  लखे गए थे अ था  बना आ ेय ह थयार
         के  कै से हमार  सेना के  वीर सै नक चीनी सै नको के  पीछे से िकये हमले को न के वल नाकाम करते ब   उनके  50 से
          ादा सै नको को यमराज से  मलवा देते।


         िपछले वष  अ ैल-मई 2020 पूव  ल ाख क  "गलवान घाटी" पर   छल और  ू रता से भरे इस हमले को अंजाम देने के   लए अंजाम
         चीन के  अ त मण क  नाकाम को शश और उस पर हमारे सै नक     देने के   लए चीनी  सपा हय   ारा हमारे सै नक  पर वार करने के
         के  अद  साहस और ब लदान ने  देशवा सयो को ना के वल    लए नुक ली क ल  से यु  लोहे के  स रय  (Iron Rod) का
         देशभ   से ओत ोत कर  दया ब   चीन के    त  कठोर कदम   इ ेमाल िकया गया था। अक ात् हए इस हमले के  बाद भी हमारे
                                                                                      ु
         उठाने के   लए भारत सरकार को  े रत भी िकया।  गलवान    के    वीर सै नको ने चीनी सै नको का बहादर  से ना के वल सामना
                                                                                       ु
         कारण चीन के   व   कठोर कदम न के वल भारत क  स भुता   िकया ब   उनको    छोड़ने को मजबूर भी कर  दया।  उस रात

         और अथ   व ा के   लए  एक एक ऐ तहा सक  नण य सा बत    चीनी सीमाओ के          ु
                                                                      ं  पास एकि त हई  चिक ा वाहन  क  सं ा
         होगा ब   चीन से डरे हए देशो को भारत के  कर ब भी लाएगा।   इं गत करती थी िक घायल और मृतक चीनी सै नको क  सं ा सौ
                           ु
         और भारत क  इस नए  प के  न व म  है हमारे वीर शहीद  ज  ने   से अ धक थी।
                                                   ु
         15 जून 2020 को  भारत माता के   लए अपने  ाणो क  आह त
         हँसते हँसते दे दी।                                 15-16 जून क  रात हमारे इ तहास के  सुनहरे प ो म  हमेशा अंिकत
                                                            रहेगी। जब 14000 फ ट क  ऊं चाई म , खून को जमा देने वाला
                               ं
                 शहीद  क   चताओ पर लगेग  हर बरस मेले        0℃ से भी कम तापमान का सामना करते हए , चीनी सै नक  से
                                                                                           ु
                वतन पर मरनेवाल  का यही बाक़   नश  होगा       जूझकर , लहलुहान होते हए भी हमारे वीर शहीद जवान उ   घुटने
                                                                              ु
                                                                     ू
                                                            टके ने पर मजबूर कर रहे थे।ध  है ऐसे वीर  को,  ज  ने शहीद
         चीन और उसक   व ारवादी कभी भी उसको एक अ ा पड़ौसी
                                                                      ु
                                                            होते होते  भी द न के  छ े  छु ड़ाकर उ   उ े प व भागने पर
         देश नह  बनने देती हे और भारत देश के   तं ता के  समय से
                                                            मजबूर िकया।
         उसक  बुर  नजर भारत के  पव तीय  े ो पर रही है ।चीन क
         अ त मण कार  नी तय  क  वजह से दोन  देश  के  बीच मधुरता   एल.ए.सी. (LAC) ल ाख क  गलवान घाटी म  हई इस झड़प म
                                                                                             ु
         कम,कक  शता  ादा है।यही कारण है के  1962 म  दोनो देश  के    ज बाज कन ल  संतोष बाबू स हत हमारे 20 वीर सै नक वीर ग त
         बीच जंग  छड़ गई थी, जसमे चीन फतह हा सल कर खुद को शेर   को  ा  हए थे।  लेिकन उससे पहले वो चीन के  कम  से कम 45
                                                                   ु
         समझने क  भूल कर बैठा। चीन भूल बैठा था िक 2020 का भारत   सै नको को यमराज से  मलवा चुके  थे, कु छ सू  तो ये सं ा 100
         एक नया भारत है जो अपनी र ा करना भी जानता है और श ुओ   से अ धक बताते है।
         को घर म  घुसकर मारना भी जानता है ।
                                                            गलवान    के  बाद भी हमारे सै नको ने चीनी सै नको को कोई
         धोखे से वार करना चीन के  खून म  शा मल है।  उसने1962 म  भी   राहत नह  दी और 28-29 अग  2020 के  आसपास चुसुल
         धोखे से भारत पर हमला िकया िफर सन 1975 म  अ णाचल  देश   से र के  पास  ैक टॉप (Black Top) पर क ा कर  लया।
         के  तुलंगला म  असम रायफल क  पेट ो लगं  टीम पर हमला कर    ैक टॉप (Black Top) साम रक  ि  से बहत ही मह पूण   े
                                                                                            ु
                              ु
         हमारे जवान  को नुकसान पहँचाया  और अपना वही इ तहास उसने   है।
         गलवान म  दोहराया जब 15-16 जून 2020 क  रात को धोखे से
         हमारे जवानो पर पीछे से वार िकया ।                  सै नक  का नाम आते ही  दय म  देश भ   भाव जागृत हो जाता है।
                                                            हमारे जहन म  देश क  र ा के   लए सीमा पर तैनात वीर सपूत  क

      12 JUNE 2021
   7   8   9   10   11   12   13   14   15   16   17