Page 18 - Cafe-Social-June-2021
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सामना करते ह   तब तक आती ह ै
          दस ू री आ जाती ह ै और इसी को
          शायद जीवन कहते ह।   मेरी जीवन
          भी संघष मय रहा। हम भी एक गरीब
          प रवार से थे, मेर े  पताजी  श क थे
          । जब म ने  स वल परी ा क  तैयारी
          करने क  सोची तब  पता जी
          सेवा नवृ  हो गए थे। और उस समय
          मुझे  द ी जाकर पढ़ाई करना थी
          ले कन म ने उ ैन म  रहकर ही
          तैयारी क     क  द ी म  जाकर
          रहना और वहां को च ग करने म
          ब त खचा  आ रहा था। इस लए
          उ ैन म  ही म ने  ोफे सर महशे
          माह े री जी  के  सा न  म  रहकर
          तैयारी क  और बाबा महाकाले र,
           पताजी और गु जन  के  आशीवा द
          से सफल  आ।


          सवाल- ा शहर क      से आबादी को लेकर आपको
                                                            सवाल-आपको नह  लगता ह ै  क पु लस का मुख बर तं
          लगता नह  ह ै  क पु लस क म नरी   णाली चालू होना
                                                            ब त कमजोर हो गया ह?ै
          चा हए  द ी और मुंबई क  तरह?
                                                            जवाब-ऐसा नह  ह ै  क मुख बर तं  कमजोर हो गया ह।ै  बस
          जवाब-पु लस मु ालय पर  नरतं र इस बात पर मंथन होता ह ै
                                                            अब ऐसा ह ै  क  तकनीक का ब त उपयोग हो रहा ह ै उसके
          और आगे आने वाले समय म  पु लस टू  बेहतर करने के   लए
                                                            साथ साथ सोशल मी डया और नई तकनीक का भी उपयोग
          इस पर  वचार हो रहा ह ै  जससे और अ ी तरह से अपराध  पर
                                                            मुख बर तं  के   प म  हो रहा ह।ै
           नयं ण हो सके ।

                                                            सवाल-पु लस जवान  क  सम ाय  को लेकर आपका  ा
          सवाल-अपराध  क  रोकथाम के   लए पु लस और जनता का
                                                            मत ह?ै
          तालमेल   कतना ज री ह?ै
                                                            जवाब-पु लस के  जवान अ े से काय  कर सक   इस लए उनको
          जवाब-पु लस और जनता का तालमेल होना ब त  ादा ज री
                                                            एक ब त अ ा माहौल  दया जा रहा ह।ै  उनके   ा  के   लए
          ह।ै  म  पु लस थान  पर जाता  ं तो हमेशा यही कहता  ं  क
                                                            संपूण  सु वधाएं दी जा रही ह।ै  जवान  को  कसी भी तरह क
          जनश  , देशभ   और जनसेवा यही हमारा काय  ह।ै     क
                                                            आ थ क  द त ना हो इस पर भी नजर रखी जा रही ह।ै  और
          जनता क  सेवा के   लए ही थाना बना ह,ै  जनता क  सेवा के
                                                            अभी इस कोरोना के  समय म  पु लस के  जवान  ने अपनी जान
           लए ही हमन  वद  पहनी ह।ै  मेरा मानना ह ै  क जनता को ब त
                                                            जो खम म  डालकर मेहनत क  ह,ै  और करते आ रह े ह    तो उनक
          जानकारी होती ह ै    क अगर कोई अपराधी  कसी गांव म  रह
                                                            सुर ा के   लए भी  यास  कए जा रह े ह।ै  हमेशा पु लस के
          रहा ह ै तो वहां के  रहवासी उसके  बार े म  ब त अ ी तरह से
                                                            जवान  का मनोबल बढ़ता रह े इसके   लए लगातार काय   कया
          जानते ह गे। य द वह पु लस पर भरोसा करते ह   तो उसक
                                                            जा रहा ह।ै  और सबसे बड़ी सफलता M P म  हाऊ स ग म  2
          जानकारी देने म   हचक  गे नह । जनता य द पु लस का सहयोग
                                                            BHK,3BHK के  मकान बना कर  दए जा रह े ह।ै  पु लस जवान
          करगे ी तो अपरा धय  क  पकड़ होगी, और अपराध कम ह गे।
                                                            के  ब   के   लए मे रट  ल  के  आधार पर छा वृ   भी दी जा
          जनता का पु लस पर  व ास होना,संवाद होना कानून  व ा
                                                            रही ह ै जो एक अ ा कदम ह।ै
          को बनाए रखने म  ब त ज री होता ह।ै




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