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आईआईटी में सिविल इंजीनियरिंग छात्रों की प्लेसमेंट की दर सबसे कम, वेतन भी औसत

करिअर्स 360 द्वारा दायर किए गए आरटीआई आवेदन से पता चला है कि आईआईटी में 2020-2021 में सिविल इंजीनियरिंग में सबसे कम 43 फीसदी प्लेसमेंट दर दर्ज हुई है.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में 2020-2021 में सिविल इंजीनियरिंग में सबसे कम 43 फीसदी प्लेसमेंट दर दर्ज हुई है.

करिअर्स 360 की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) सहित अन्य कॉलेजों में भी समान रुझान देखने को मिला है.

यह रिपोर्ट करिअर्स 360 द्वारा दायर किए गए सूचना के अधिकार (आरटीआई) आवेदन के जवाब पर आधारित है.

रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 13 आईआईटी में से सिर्फ 10 ने अपने संबंधित डेटा को शेयर किया, जिसका इस्तेमाल सही तुलना के लिए किया जा सकता है.

कुछ कॉलेज ने अपने डेटा को शेयर नहीं किया, या तो उनके डेटा गलत या फिर अस्पष्ट थे. कुछ संस्थानों में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं की जाती. इन्हें विश्लेषण से बाहर रखा गया.

विश्लेषण के मुताबिक, सिविल इंजीनियरिंग के 57 फीसदी छात्र, जिन्होंने प्लेसमेंट के लिए पंजीकरण कराया था, उन्हें नौकरी मिली, जबकि पाठ्यक्रम (सिविल इंजीनियरिंग) में प्रवेश पाने वाले सिर्फ 43 फीसदी छात्रों को ही नौकरी मिली.यदि सटीक आंकड़ों की बात करें, तो प्लेसमेंट के लिए अप्लाई करने वाले 328 सिविल इंजीनियरिंग छात्रों में से 142 को प्लेसमेंट नहीं मिली. पाठ्यक्रम में दाखिला प्राप्त 437 छात्रों में से 251 को प्लेसमेंट नहीं मिली.

कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) में बीटेक जैसे कोर इंजीनियरिंग ब्रांच में भी प्लेसमेंट दर कम रही. उदाहरण के लिए, आईआईटी गुवाहाटी में सीएसई में बीटेक कर रहे 87 में से 83 छात्रों ने प्लेसमेंट के लिए पंजीकरण कराया था जबकि इनमें से सिर्फ 78 को ही प्लेसमेंट मिला.

हालांकि, सिविल इंजीनियरिंग छात्रों के लिए यह स्थिति और खराब है. इसमें नामित 71 छात्रों में से सिर्फ 53 छात्रों ने प्लेसमेंट के लिए पंजीकरण कराया लेकिन सिर्फ 27 को ही प्लेसमेंट मिला.

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