sattire
- Chitragupta
व्यंग्य – और लैला मजनू मिल गए
हुस्न हाजिर है मुहब्बत की सजा पाने को कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को । मेरे जलवो की…
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व्यंग्य – हमारी बड़ी बहू
हमारी सोच पर ब्रेक लगाते मियाँ भोपाली मुस्कुराये फिर पान की पीक को निगलते गँभीर चेहरा बनाते हमें टोक बैठे."मोहतरमा,ऊ…
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व्यंग्य – जाति ना पूछो साधु की
ऐसा ही नजारा आजकल हमारे न्यायालय (कोर्ट) परिसर में दिखाई पड़ रहे है जहां आजकल न्यामूर्ति साहेब खुले आम चीन…
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व्यंग्य – आज के अंगुलिमाल
आप सोच रहे होंगे तो इसमें इतना सोचने की क्या बात हैं? हमारा भारतीय समाज तो उपहार लेने और देने…
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Poverty & Calamity; Most saleable products of Modern Era
These appeals are well drafted, photographed & rehearsed and video graphed by expert of theirs fields. These appeals are bundles…
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गर्व से कहो हम लोटे है ! “व्यंग”
तो चलिए हम बताते है कि क्यों हम लोग लोटा है? देखिए ये तो आपको पता है कि लोटा अंदर…
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- Chitragupta