Page 8 - CafeSocial-July-2021
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एंटी टक   माइन के  कारण भारतीय सेना के  टक   बसंतर नदी को पार   जरपाल और बसंतर नदी पर पाक सेना का क ा। स ेश साफ़ था
        नह  कर सकते थे।                                  जो जह  है वही से द न का सामना करे। पूना हॉस  क  टुकड़ी "A"  ने
                                                                      ु
                                                         दो टक  ो के  साथ ही कहर ढहाना शु  कर  दया और एक- एक कर
                भारतीय सेना ने १५  दसंबर १९७१ को बसंतर नदी पर पुल
                                                         द न के  १० टक  ो को उड़ा  दया। एक समय तो ऐसा भी आया िक पूना
                                                          ु
        बना कर जरपाल पर क ा कर  लया था । पािक ान के  सै नक भी
                                                         हॉस  क  इस टुकड़ी का  सफ   एक टक   यु  के  लायक बचा था ।
        जरपाल से भारतीय सेना को  नकालने के   लए हर संभव  यास कर
                                                         शहीद अ ण का टक   "फं गू ा" अके ले ही पािक ान सेना पर  कहर
        रहे थे और ऐसा ही एक  यास उ  ने १५  दसंबर १९७१ के   दन
                                                         बरसा रहा था। परमवीर अ ण तो जैसे सा ात् काल के  देवता बने
                                                         हए थे  जसको रोकना पाक सेना क  १३ ल सर टुकड़ी के  वश म  नह
                                                          ु
                                                         था । उ  ने एक -एक करके  पाक सेना के  सारे टक   तबाह कर  दए ।
                                                                                    ू
                                                         आ खर  टक   तो उनसे  सफ   १०० मीटर दर  पर था। दोन  टक   ने एक
                                                          ू
                                                         दसरे पर  नशाना लगाया, पाक टक   के  अफसर   नसार ने टक   के  पीछे
                                                         छु प कर अपनी जान बचायी। द न टक   के  हमले से अ ण  े पाल
                                                                              ु
                                                         के  टक   म  आग लग गई,इस दौरान अ ण खुद बहत घायल हो चुके
                                                                                          ु
                                                         थे। उनके  अफसर ने उनको वापस लौटने को कहा पर ु अ ण ने

                                                         जबाब  दया "  ीमान म  अपना टक   नह  छोडूंगा मेर  गन अभी भी काम
                                                         कर रही है और म  इन द न  को नह  छोडूंगा"  इतना कह उ  ने
                                                                          ु
                                                         अपना रेिडयो बंद कर  दया।
        िकया। उस  दन सुबह ८ बजे उ  ने भारतीय टुकड़ी के  ऊपर दौ
                                                                  परमवीर अ ण  १६  दसंबर १९७१ को म  भारती के   लए
        तरफा भीषण आ मण िकया। भारतीय सै नक वीरता से लड़ रहे थे
                                                         अपना सव   ब लदान कर ऐसी मृ ु का वरण कर चुके  थे  जसको
              ू
        लेिकन दसर  तरफ पाक सेना ने अपने सव  े  १३ ल सर टुकड़ी (टक
                                                         पाने के   यं नर, मु न और देवता भी तरसते थे।
        द ा) को भी उतार  दया  जसके  साथ अमे रका म  बने हए पैट न टक
                                             ु
        भी थे । उनका सामना करने के   लए भारतीय दल ने तुरंत टक  ो का
                                                         तेरे आ शक दआ ु  कर चले, ह  तेरा दमकता रहे,
                                                                                ु
        द ा भेजने को कहा।
                                                         सर हमारे रहे न रहे, तेरा माथा चमकता रहे
                  एंटी टक   माइन क  वजह से टक  ो का वह  जाना  ब ु ल   तेरा महके  हमेशा चमन

        आ ह ा करने के  समान था। लेिकन जो डर से डर जाये वो वीर   ऐ वतन, ऐ वतन, मेरे वतन, मेरे वतन
        कै सा? पूना हॉस  जो अपने बहादर  के   लए जानी जाती थी, ने तुरंत
                              ु
        अपनी टुकड़ी "A " को भारतीय सेना क  मदद के   लए भेजा और इस       यं  पाक  सेना  के
        टुकड़ी के  ३ टक  ो म  से एक टक   था परमवीर अ ण खे पाल  के  पास।  अफसर   नसार  ने  परमवीर
                                                         अ ण  के   िपता ी  को   लखे
              कोई भी य ूँही परमवीर नह  बन जाता है, क  त  क  देवी कदम
                                                         प  म  कहा था " बसंतर (बड़ा
        कदम पर वीर  क  पर  ा लेती है और यही हआ पूना हॉस  क  टुकड़ी
                                      ु
                                                         िपडं ) क  लड़ाई म  पाक सेना
        "A " के  साथ।  तीन टक  ो म   स े ले  न ट अवतार के  टक   म   आग लग
                                                         क  १३ ल सर टुकड़ी के  भीषण
        गयी और क ान म ो ा के  टक   क  गन ख़राब हो गयी और उसको
                                                           तउ र हमले म  हमार  जीत
        ठ क करने के   लए उस टक   को पीछे लेने क  इज़ाज़त म गी गयी
                                                         और हार के  बीच अ ण अिडग
        लेिकन  कम िडगं   अफसर  हनुत   सहं   (जो  अपनी  बहादर   और
                                                ु
                                                         च ान  क   तरह  खड़े  थे  और
        रणनी त के   लए जाने जाते थे ) ने िकसी भी टक   को पीछे हटने क
                                                         उनक  वजह से हम हार गए।
        इजाजत नह  दी,  िक एक भी टक   के  पीछे हटने का मतलब था
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