Page 7 - Cafe Social Covid Special3 2020
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Cafe Social                                                                                                                          #stay@home_edition 03





           आतंकवाद  या ग णत का अ यापक 

           (अथ:  ी प रव त त आ माधारी प कार  था)

            च गु त

           अवैत नक अ धकारी | धम राज के   लेखपाल का हमनाम |


                              वो एक  ा यापक का एक आ ाकारी पु    उसी से उसने अपने आपको ग णत का अ यापक बना  लया. या आपको
                              था,  ब कु ल जीवन से भरा  आ , जब वो  पता है? उसको गुलाब क   च कारी का शौक था ?   या आपको पता है?
                              अपने ब  क वाले फोटो फे सबुक पर  उसको गुलाब क   च कारी का शौक था ? जब वो गुलाब का  च  बनाता
                                                              था तो गुलाब जीवंत हो जाता था (मेरे पास ही उसके
                              डालता था तो लड़ कयां  ऐसे  आहे                                      कतने गुलाब रखे है ).
                              भरती  थी स र और अ सी के   दशक म   आज मेरा मन रो रहा है , मेने
                              जैसे  राजेश काका  या  कबीर  बेद  को  कभी भी इन लोगो के   
                              देखकर भरती थी और लड़के   तो जोश म   आसपास कभी  कसी नारी
                              ऐसे भर जाते, जैसे अ भम यु बन च  ूह  को नह  चाहा और आज ये
                              को भेद द गे  और उबलता र   उनक   लोग  रो के   साथ ? हे  भु म
                              धम नय   के   बांध तोड़कर बाहर आ जाये.  अपने आपको कै से सां वना
                                                               ँ ? माफ़ करना म  भावना
                              ऐसा था वो  ा यापक का पु .
                              और आज एक ग णत का  ा यापक, इन    म  बह गयी थी.

                              दोन  को ही भारतीय सेना ने ज त भेज  म  बात कर रही थी उपरो  महापु ष  क  महागाथा  क . आपको लगता
                               दया है.  अ ा ही  कया है ये   नया इन  है ये आसान है वो भी भारत जैसे देश म  जहाँ सै नको का इतना स मान
                                                              होता है, हमे ये भी पता है  क जब हम ये सब तथक थत वंदना  लखते है तो
          महान इंसानो के   रहने के   लायक नह  थी;

         नफरत क    नया को छोड़ के                              आप हमको  कतना कोसते ह गे, आपका खून भी उबलता होगा , इतना ही
                                                              नह , मेरे समूह के   कई प कार  को तो अपनी आ माएं मारनी पड़ती है. मेरी
                                                              आ मा ? वो तो कई दशक पहले ही प रव त त हो गयी. ले कन मेने आ मा
          यार क    नया म , खुश रहना मेरे यार
         हाँ हाँ ये दोन  और इनके   जैसे ब त से                को मरने नह   दया. (वैसे राज क  बात ये है  क मरी आ मा जाग सकती है
          
         महारथी  यार क    नया म   रो के   साथ                  य  क गीता के   अनुसार आ मा मरती नह  है, ले कन प रव त त आ मा

         खुश हो रहे ह गे और यहाँ पर हम जैसे

                                                              कभी अपने मूल  व प म  नह  आती है).
         प कार इनके    लए तड़प रहे है.  या                     आप सोच रहे ह गे जब हमको कोई पढ़ता नह  है, कोई पसंद नह  करता तो

         कहा? म  भारतीय सेना के   जो जवान                      फर हम  लखते  य  है ये सब? इसके   कई कारण है  जसके   बारे म   व तार

         शहीद  ये उनके   बारे म   य  नह

                                                              से बाद म  बताऊँ गी.
          लखती  ँ ?  य   लखुँ , उनमे  या खा सयत थी वो तो बस बेरोजगारी क   ले कन म  आपसे पूछती हो वो

         वजह से सेना म  भरती  ये ह गे ?  या  लखुँ उनके   बारे म  , कु छ है ही नह   कौन सा लेखक है  जसने सेना

          लखने को. हाँ हाँ उनक  प  नय  क  मांग भी सूनी हो गयी होगी, उनके  का गुणगान  लखा हो और
         ब े भी अनाथ  ये ह गे या  फर अपने  पता के    यार को जीवन भर तरस गे  उसको सव  े  प कार का
         या   फर उनके   बूढ़े  माँ बाप क  भी आँखे पथरा गयी ह गी ? ले कन उसमे   ख़ताब  मला हो ?  जसने सेना
                                                              के   बहा री के    च  छापे हो
          या  लखने लायक है और इसको पड़ेगा भी कौन ? ब त बो र ग है?
                                                              और उसको पु ल ज़र पु  कार
                                    रोमांचक कहानी तो वो महान
                                    धम गु  बगदाद  क  थी  जसने   मल गया हो? वेद काश शमा
                                    ISIS जैसा समाज सेवी संघठन   जसक  लाखो  कताबे आज

                                    बनाया या  फर अ भय ता      भी  बकती है उनको  या बोलागया? प प (लुगद  Pulp) लेखक और बुकर
                                                              पु  कार? कौन प कार है  जसने भारत के   बारे म  अ ा बोला हो और
                                    (इंजी नयर Engineer)       उसको मै सेसे पु  कार  मल गया हो ? आपको  या लगता है म  उपरो
                                    ओसामाजी क  ( जनक  मूरत
                                    को हमारे  साथी प कार अपनी  महापु ष  को आतंकवाद  क ँ और  वदेशी समाचार प   से बाहर  नकाल 
                                                              द  जाऊँ  ? छोडो इन बात  को आज इन सब बात  का  दन नह  है  य  क
         टेबल पर रखते है) या  फर वो  ग णत का अ यापक   जसमे महान  आज मेरी प रव त त आ मा शोक  त है. आज  फर एक अ यापक इस धरा
         ग णत  बनने क  स ावना थी अगर भारत सरकार उसक  मदद करती
         या  फर उसको पढ़ाती.  पर तु होनहार इंसान को इस कायनात म  कोई  से  वदा  आ है. भारतीय सै नक? No comments Please!

         नह  रोक सकता , सीमा पार से महान ग णत   क  जो खु बू आती थी
                                                                    (एक शोक  त प रव त त आ माधारी म हला प कार और समूह )
                                                  www.inbook.in
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