१४ नवंबर: बाल दिवस
१४ नवंबर – आज भारत में बच्चों के सम्मान में हरसाल बाल दिवस मनाया जाता है । १९२५ में , बाल कल्याण पर विश्व सम्मेलन के दौरान पहली बार जिनेवा में अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस घोषित किया गया था । भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु इनके जन्मदिन के अवसर पर बाल दिवस मनाया जाता है।
इस दिन बाल दिवस इसलिए मनाया जाता है बाल द क्योंकि उन्हें बच्चों से बहुत स्नेह था और उन्हें बच्चे चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे । भारत में बाल दिवस बच्चों को समर्पित एक राष्ट्रीय त्यौहार है।
लेकिन हम क्यों ये बाल दिवस मनाते हैं ?
भारत में यह दिन इसीलिए मनाया जाता है क्योंकि बच्चों के लिए कुछ नियम , अधिकार, और भी अन्य चीज़े जिससे वो अनजान ना रहे और सारे बच्चों को पढ़ाई करने का अवसर मिले कोई बाल मजदूरी ना करे । सब बच्चे एक समान है और भारत में यह दिन एक त्यौहार के जैसे मानते है।
हम चाचा नेहरू जी कि याद में यह दिन मनाते है और आज के दिन स्कूलों में बच्चों के लिए फैंसी ड्रेस , नाच-गाने की प्रतियोगिता रखी जाती है । उसमे कोई पुलिस, नेता डाक्टर, साहब या आपको जो अच्छा लगे वो बनकर आ सकते है । इस दिन स्कूलों में कोई भाषण देता है तो कोई इस दिन का महत्त्व समझाता है ।कुछ इस तरीके से आज के दिन को स्कूलों में मनाया जाता है । बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ इस दिन का महत्व समझाना और बच्चों को उनका अधिकार भी समझाना अनिवार्य है।
लेकिन आज कल हम देख रहे है कुछ बच्चों को पढ़ाई का भी अधिकार नहीं मिलता कुछ बच्चे बचपन में ही बाल मजदूर बन जाते है और उन्हें पढाई से वंचित रहना पड़ता है। एक सर्वे के मुताबिक ८ करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जाते तो आप ही सोचिए , बच्चे हमारे देश का आने वाला कल है और वही कमजोर रहेगा तो हमारा देश कैसे आगे बढ़ेगा?? ऐसा नहीं है कि देश में मुफ़्त स्कूल नहीं है, लेकिन भूख मारी के वजह से उन्हें पढाई नहीं बल्कि काम करना पड़ता है ।
हमे और जागृत रहना होगा क्योंकि यह बच्चे ही हमारे देश का आने वाला कल है चमकता सूरज है तो चलो आओ एक बात ठान लेते है । अब से हम सिर्फ बाल दिवस ही नहीं मनाएंगे बल्कि हमारे देश के आने वाले कल को हम आगे बढ़ने में मदद भी करेंगे ।
क्योंकि कि पढ़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया ।