मेरी कलम से

बीज क्रांति और आजारी – मदन अग्रवाल

तुम मुझे बीज दो, मैं तुम्हें पौधा ढुंगा । 

तुम मूझें बीज दों, मैं उसे नया जीवन दुंगा।

नींबू, पपीता, आम, बेल, चीकू, तरबुज, खरबुज, 

सेब, लीची, और भी सब कुछ खाइये, मुझे घर लाइये।

मुझे आपके इस्ट-बीन से आजादी दिलाइये! 

मुझे धोइये, सूखाइये, और मेरे दोस्त को बुलाइये।

आपका जन्म दिन है. मैं आपके घर आऊंगा। 

आप की शादी की सालगिरह है, मैं आपके घर आउँगा।

आप हर सवेरे, मुझे पानी देना, बात करना । 

जब मैं चार फीट का हो जाऊँ, आप मुझे धरती मां से मिला देना ,

तुम मुझे नया जीवन दो, मैं तुम्हें आक्सीजन दूँगा। 

तुम मुझे नया जीवन दो मैं आजीवन तुम्हें फल दूंगा।


मैं आम हुँ, तो पत्ते के रूप में पूजा में काम आऊँगा।

हर रविवार मेरा दोस्त उपलब्ध है,मेरे दोस्त का नाम है… मदन अग्रवाल,
जिस किसी को बीज पहूचाना हो तो इस पते पर पंहुचा देना ????

Mr. Madan Agrawal
A1505, RNA Heights.
Mob: +91 9167222088

Mr. Madan Agrawal
Author is a Chartered Accountant (ICAI),
Cost Accountant (ICWAI) & a Senior fellow
member of Insurance Institute of India
Mob: +91 91672 22088

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