हिंदी
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मेरी कलम सें – मैं स्त्री हूँ
मैं स्त्री हूँ ,काम से लौटकर, काम पर जाती हूँ।स्थान बदलते ही,नाम नया पाती हूँ।। सिर से लेकर पैर तलक,हर…
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राष्ट्र निर्माण में मातृभाषा का महत्व
भारत में यह भी एक दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य है कि गीत, संगीत, नृत्य, फिल्मों, चुनाव प्रचार आदि के लिए तो देशी…
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व्यंग्य – और लैला मजनू मिल गए
हुस्न हाजिर है मुहब्बत की सजा पाने को कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को । मेरे जलवो की…
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व्यंग्य – जाति ना पूछो साधु की
ऐसा ही नजारा आजकल हमारे न्यायालय (कोर्ट) परिसर में दिखाई पड़ रहे है जहां आजकल न्यामूर्ति साहेब खुले आम चीन…
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हिंदी : पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम मेधा तक
हिंदी की अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति बढ़ती रहे, इसके लिए देश में आर्थिक, वैज्ञानिक, सामरिक, राजनीतिक और ज्ञान के स्तर पर जितना अधिक सशक्त कार्य होगा, विश्व फलक…
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मेरी कलम से – नया वर्ष
नया है बरस नई हैं मंजिलें हैं नई राहें अपनी बना लीजिएगा भूत पीछा करे तो हटा दीजिएगा वर्तमान को…
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श्री रमा शंकर शुक्ल – भगवान श्रीराम के रामेष्ट
इन्होंने श्री राम कथा का विश्व संदर्भ महाकोश के लोकगीत तथा लोक कथाओं में श्रीराम का संदर्भ ( प्रथम खंड)…
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व्यंग्य – आज के अंगुलिमाल
आप सोच रहे होंगे तो इसमें इतना सोचने की क्या बात हैं? हमारा भारतीय समाज तो उपहार लेने और देने…
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मेरी कलम से – बेफ़िक्र, बेबाक़, बिंदास… जज्बात, ख्यालात, अल्फ़ाज़…
जो भटका हूं मैं खुद अपने शौक से, कोई और ज़िंदगी का रास्ता ना दिखाओ मुझे तुम बेतरतीबी में अपनी…
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