मेरी कलम से

मेरी कलम सें – मैं स्त्री हूँ

मैं स्त्री हूँ ,काम से लौटकर, काम पर जाती हूँ।स्थान बदलते ही,नाम नया पाती हूँ।। सिर से लेकर पैर तलक,हर…

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मेरी कलम सें – हिंदी

सरल होते हैं विचार मेरे जब अपनी बात में हिंदी में कहता हूंऔर लगे प्रिय  मुझे यह जब हर शब्द…

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हास्य व्यंग्य -परसाई के तीर

प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के आज से लगभग 50 साल‌ पहले के रचित अलग-अलग व्यंग्य लेखों से 20 लाइनें चुन…

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मेरी कलम से – हे राम

नज़र लगी या कर्मयोग था तुम भगवन,सब जानो राम कल तक थी जो फूल बिछाए

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मेरी कलम से – वन्दे मातरम

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मेरी कलम से – राम जी का सज गया भव्य दरबार

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मेरी कलम से – चलो चंद्रयान चलो

विक्रम लैंडर निज रोवर से वह संदेश सुनाएगा भारत का यह ऐतिहासिक मिशन युग-युग तक अमर हो जाएगा ।

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मेरी कलम से – कुछ हास्यास्पद परिभाषाएं

अवसरवादी : - वह व्यक्ति, जो गलती से नदी में गिर पड़े तो नहाना शुरू कर दे।

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मेरी कलम सें – नारी

कुदरत ने भी क्या खूबसूरत चीज बनाई है, देवी रूप में नारी धरती पर आई है, हर रूप में नारी…

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मैं आज की औरत हूं

अबला नहीं, लाचार नहीं कम पढ़ी मगर गंवार नहीं

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