मेरी कलम से

हास्य व्यंग्य -परसाई के तीर

प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के आज से लगभग 50 साल‌ पहले के रचित अलग-अलग व्यंग्य लेखों से 20 लाइनें चुन…

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मेरी कलम से – हे राम

नज़र लगी या कर्मयोग था तुम भगवन,सब जानो राम कल तक थी जो फूल बिछाए

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मेरी कलम से – वन्दे मातरम

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मेरी कलम से – राम जी का सज गया भव्य दरबार

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मेरी कलम से – चलो चंद्रयान चलो

विक्रम लैंडर निज रोवर से वह संदेश सुनाएगा भारत का यह ऐतिहासिक मिशन युग-युग तक अमर हो जाएगा ।

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मेरी कलम से – कुछ हास्यास्पद परिभाषाएं

अवसरवादी : - वह व्यक्ति, जो गलती से नदी में गिर पड़े तो नहाना शुरू कर दे।

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मेरी कलम सें – नारी

कुदरत ने भी क्या खूबसूरत चीज बनाई है, देवी रूप में नारी धरती पर आई है, हर रूप में नारी…

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मैं आज की औरत हूं

अबला नहीं, लाचार नहीं कम पढ़ी मगर गंवार नहीं

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पर्यावरण – सौजन्य: श्रीमती रश्मिता शर्मा

एक बात को समझो भाई , पर्यावरण  है तो हम है ।अपने आस -पास पेड़ लगाना है ।फाइबर ,प्लास्टिक, पाॅलीथिन काहम…

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अनोखा प्रेम; रोली शुक्ला

है बड़ा अनोखा प्रेम कृष्ण का, वर्षाने की राजकुमारी से

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