हिंदी प्रतियोगिता
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इनबुक फाउंडेशन द्वारा आयोजित” – राजभाषा हिंदी का सम्मान प्रतियोगिता 2022- संपन्न हुई । विजेताओं को मिले पुरस्कार और प्रमाण पत्र । सभी विजेताओं को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं ।
Hindi Story Writing and Satire Competition, is an endeavor by Cafe Social, Inbook Cafe to promote Hindi writers and their…
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विश्व मानचित्र पर भारत का बढ़ता प्रभाव
Nishant Nilay “यूनान ओ मिस्र ओ रूमा सब मिट गए जहाँ से अब तक मगर है बाक़ी नाम-ओ-निशाँ हमारा कुछ…
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कोरोना , आध्यात्मिक चिंतन और प्रभाव – मीना गोदरे
राजभाषा हिन्दी का सम्मान 2021 प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त आलेख कोरोना वायरस की उत्पत्ति और उसका प्रभाव दिसंबर 2019 को चीन के वुहान शहर से हुआ,फरवरी माह में कोरोना ने भारत के साथ कुछ अन्य देशों में भी प्रवेश किया और देखते ही देखते विश्व के प्रायः सभी देशों को अपनी चपेट में ले लिया , इस वायरस के लक्षण सर्दी खांसी और निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ देखी गई, किंतु इसका संक्रमण इतना प्रभावशील था कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते ही क्रमश: दूसर,तीसरे और चौथे अंकगिनित व्यक्तियों को लगता जाता था। हमें इस वायरस का पता तब चला जब 9 मार्च को हम सपरिवार तीर्थ यात्रा के लिए सूटकेस दरवाजे से बाहर निकाल रहे थे तभी हमारे बच्चों केफोन आए उन्होंने उसके भयावह परिणाम बताएं और हमें रोक दिया। व्हाट्सएप खोल कर देखा तो हम भी दंग रह गए चीन के हालात वीडियो बयान कर रहे थे हजारों लोग मर रहे थे मरने से पहले भी बहुत बुरे हालात थे ,हमने जाना कैंसिल किया और फिर शुरू हुआ दिन भर व्हाट्सएप पर चलते भयभीत दृश्यों का सामना ,अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था किंतु शीघ्र ही खबर मिलने लगी भारत में उसके पांव पसारे जाने की और फिर धीरे धीरे पूरे विश्व में उसकी जड़ें फैलने की ,भयभीत होना स्वाभाविक था।लॉकडाउन लगने लगा लोग घरों में कैद होने लगे पूरा विश्व कई कई दिनों तक बंद रहा, मन व्याकुल रहने लगा। अध्यात्म कहता है कालचक्र का प्रभाव नियमानुसार निश्चित समय इसीलिए होता है हम उस में किसी तरह की तोड़ मरोड़ नहीं कर सकते।हमने अपना दृष्टिकोण बदला चिंतन किया तो हल निकला कि यह स्थितियां शीघ्र समाप्त नहीं होंगी और इन पर काबू पाना हमारे वश में नहीं हैफिर स्थितियों के चिंतन से तनाव व्यग्रता और समय बर्बाद होगा ,हालात संवेदनशील थे स्वयं को व्यस्त रखना ही सारगर्भित था। मैंने एक साहित्य एवं कला समूह स्थापित कर उस पर ऑनलाइन कार्यक्रम करवाना प्रारंभिक कर दिया ।लोगों को जैसे ठौर मिल गया देखते ही देखते बहुत से लोग उसमें जुड़ गए , उस पर साप्ताहिक साहित्यिक कार्यक्रम होने लगे।लोगों का ध्यान उन घटनाओं से हटकर सकारात्मक सृजन में लगने लगा,। लोकगीतों का कार्यक्रम भी हुआ जिसने हमें अंदर तक से झकझोर दिया, सोचने पर विवश हो गई कि इतने मार्मिक और मधुर गीत समाप्ति कीकगार पर क्यों है इस प्रश्न की व्याकुलता के बाद ही एक हल सामने रख दिया और मैंने एक लोक भाषाओं की पुस्तक लुप्त होती लोक भाषाओंके संरक्षण के उद्देश्य प्रकाशित करने का निश्चय कर लिया । अथक परिश्रम से पुस्तक की सामग्री ऑनलाइन जुटाना प्रारंभ कर दी और तीन महीनों में समग्र देश से चालीस लोक भाषाएं मेरे पास संग्रहित हो गई उनका संपादन कर उन्हें मैंने हिंदी की 5 उपभाषाओं 18 बोलियां और 12 उपबोलियों का रूप देकर प्रकाशित करवाया ।जिसकी देश के विभिन्न हिस्सों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आईं यह पुस्तक भारत की प्रथम ऐतिहासिक और देवनागरी लिपि लिखे मौलिक लोकगीतों की ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण पुस्तक बनी ।जिसने इंडिया वर्ल्ड के साथ अनेकों सम्मान पाए,कहने का तात्पर्य यह है कि विकट समय में सकारात्मक दृष्टिकोण और आत्मविश्वास से समय का सदुपयोग सृजन कार्यों में लगाया सकता है।…
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केदार का तिलक
केदार का तिलक तेज बारिश की बूंदे कहीं अपनी थिरकन से मन को लय पर नाचने के लिए मजबूर कर…
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विश्व मानचित्र पर भारत का बढ़ता प्रभाव
“यूनान ओ मिस्र ओ रूमा सब मिट गए जहाँ से अब तक मगर है बाक़ी नाम-ओ-निशाँ हमारा कुछ बात है कि हस्ती…
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पिता – बेटी और महावारी
*पिता-बेटी और महावारी* पीरियड्स (माहवारी):-दुनिया का एक प्रकृतिक उपहार स्त्रियों के लिए ।।आजकल शोशल साइट्स पर माहवारी की चर्चा बहुत…
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विश्व मानचित्र पर भारत का बढ़ता प्रभाव
भारत वर्तमान में दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जीडीपी 3 ट्रिलियन डॉलर हो चुकी है। 2025 तक…
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स्वर्गलोक में आमरण अनशन
इस रोचक कहानी में कोरोनो के दौरान सरकार द्वारा आँकड़ों की छेड़छाड़ का सार्थक चित्रण है। कल्पनात्मक परिदृश्य कहानी की…
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हिंदी माध्यम
मेरी यह कहानी हिंदी को त्याग चुके समाज में दो पीढ़ियों के बीच उत्पन्न हुई वैचारिक खाई को दर्शाती है।
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