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भोजीवुड हलचल भोजपुरी फिल्मों का सौंदर्यशास्त्र व अर्थशास्त्र

भोजीवुड यानि भोजपुरी फिल्मों का अर्थशास्त्र व सौंदर्यशास्त्र तेजी से बदल रहा है। इसके दर्शकों व बाजार मे बड़ी तेजी से उछाल आ रहा है। उत्तर प्रदेश के नोएडा मे फिल्म सिटी के निर्माण और उत्तर प्रदेश मे फिल्म निर्माण पर 30 फीसदी सब्सिडी दिए जाने के बाद भोजपुरी फिल्मों के निर्माण मे न सिर्फ क्रांति आयी है बल्कि यह क्षेत्र जबरदस्त फायदे का व्यापार बन गया है।
भोजपुरी फिल्म उद्योग अब 2000 करोड़ रुपये से अधिक का उद्योग बन गया है।

वर्ष 2015 भोजीवुड के लिए सबसे अच्छा साल था, जहां बॉक्स ऑफिस से कुल कलेक्शन 35 करोड़ रुपये के करीब था, उसके बाद 2016 था, जहां निर्मित 56 फिल्मों से कलेक्शन 30 करोड़ रुपये के करीब था।

तात्पर्य यह कि भोजीवुड के नाम से लोकप्रिय भोजपुरी फिल्म उद्योग तेजी से उभर रहा है और नए मुकाम बना रहा है, नए मील के पत्थर गढ़ रहा है।

एक समय था जब भोजपुरी फिल्मों को इसके सौंदर्यशास्त्र और अर्थशास्त्र के लिए निवेश के रूप में हास्यास्पद और जोखिम भरा माना जाता था।

अब भोजीवुड उस दौर को पीछे छोड़ चुका है।

भोजीवुड के नाम से लोकप्रिय भोजपुरी फिल्म उद्योग एक तेजी से उभरता हुआ उद्योग है, 2000 करोड़ रुपये (और बढ़ता हुआ) का यह उद्योग जो तेजी से रवि किशन और मनोज तिवारी जैसे ‘ए लिस्टर्स‘ को पीछे छोड़ रहा है, और नई जमीन और और नये एक्टर के साथ सफलता और ब्यावसायिक लाभ के क्षेत्र में मील के पत्थर बना रहा है। भोजपुरी फिल्मों के उत्पादन लागत में वृद्धि हुई है और बदले में उत्पादन मूल्य में भी वृद्धि हुई है, अभिनेताओं का भुगतान 20ः तक बढ़ गया है – यहाँ तक कि सबसे ज्यादा कमाई करने वाले भी 10 करोड़ रुपये से अधिक कमा रहे हैं, कुछ ऐसा जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की गई थी।

हालाँकि, भोजपुरी फिल्म उद्योग में वृद्धि को बड़े पैमाने पर आश्चर्यजनक नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने फिल्म सिटी में निवेश करके और उद्योग के रचनात्मक उत्पादन को प्रदर्शित करने वाले फिल्म समारोहों का आयोजन करके इस उद्योग को बड़े स्तर तक बढ़ाने के लिए उत्साहपूर्ण समर्थन दिया है।

“मनोज तिवारी, रवि किशन और पवन सिंह उद्योग में ब्रांड हैं। और 2014 तक निरहुआ उत्तर प्रदेश से लेकर विदेशोँ तक से रिलीज शो के बड़े धावक थे, 2014-2015 में बाजार में आए और बाजार को पूरी तरह से बदल दिया। 2008 से भोजपुरी फिल्म के वितरक और प्रचारक निशांत उज्ज्वल ने कहा, सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म ने 10 करोड़ रुपये के करीब की कमाई शुरू कर दी और उद्योग में बदलाव देखा गया। यही कारण है कि मनोज तिवारी, रवि किशन और दिनेश लाल निरहुआ की लोकप्रियता को भुनाने का भाजपा ने निर्णय किया और तीनो लोकप्रियता के कारण ‘सांसद‘ चुने गए। इनमे मनोज तिवारी और पवन सिंह लोकप्रिय गायक भी हैं।


आंकड़ों पर गौर करें तब 2015 भोजीवुड के लिए बेहतरीन साल था, जहाँ बॉक्स ऑफिस से कुल कलेक्शन 35 करोड़ रुपये के करीब था, उसके बाद 2016 था, जहाँ निर्मित 56 फिल्मों से कलेक्शन 35 करोड़ रुपये के करीब था।
“2004 से 2014 तक रवि किशन और मनोज तिवारी‘‘ ने भोजीवुड उद्योग पर राज किया था, लेकिन इन लोगों के राजनीति मे उतरने के बाद थोड़े समय के लिए यह उद्योग ठहर सा गया। लेकिन जल्दी ही इस उद्योग को पवन सिंह और खेसारी लाल यादव ने संभाल लिया। दोनों गायक भी हैं।

“एक भोजपुरी फिल्म का बजट 75 लाख रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। जबकि स्थानीय निर्माता अपना व्यवसाय बढ़ा रहे हैं, नेपाल, मॉरीशस और फिजी द्वीपों के व्यापारियों और बिहारी प्रवासियों ने भी भोजपुरी फिल्म उद्योग में काफी निवेश करके इसमें सफलता हासिल करने के लिए भारी दांव लगाया है।

प्रवासी भारतीय और पोलैंड निवासी (बड़े व्यवसायी) श्री राम शर्मा ने अबतक दो भोजपुरी फिल्म ‘हमार स्वाभिमान‘ पावर स्टार पवन सिंह के साथ तथा ‘गैंगस्टर इन बिहार‘ प्रवेश लाल और रानी चटर्जी के साथ बनाया है,उन्होंने बताया की फिल्म का लागत ‘सेटेलाइट राइट‘ से ही निकल जाता है, बल्कि चौनल, डिस्ट्रीब्यूटर की खरीदगी मुनाफा मे जाता है।

जिन अभिनेताओं ने बॉक्स ऑफिस पर पैसा बरसाया है, उन्होंने अपना खजाना भी भरा है। इंडस्ट्री के प्रमुख आभिनेताओं में मनोज तिवारी, रवि किशन, पवन सिंह, दिनेश लाल यादव, खेसरी लाल यादव, सुदीप पाण्डेय, अभिनेत्रिओं मे रानी चटर्जी मधु शर्मा, आम्रपाली दुबे, काजल राघवानी जैसे कलाकार शामिल हैं, जब अभिनेत्रियों की बात आती है तो उन्होंने प्रति फिल्म लगभग 5 लाख से लेकर 50 लाख रुपये चार्ज करते हुए अपने पारिश्रमिक में लगभग 50ः की वृद्धि की है।

प्रियंका चोपड़ा की पर्पल पेबल पिक्चर्स द्वारा निर्मित बम बम बोल रहा है काशी, राजकुमार पांडे द्वारा निर्मित दुल्हन चाही पाकिस्तान से, निरहुआ एंटरटेनमेंट की निरहुआ रिक्शावाला, 2016 की कुछ ब्लॉकबस्टर फिल्में थीं, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के रूप में 4 करोड़ रुपये से 8 करोड़ रुपये के बीच कमाई की थी।

जबकि भोजीवुड 2017 में अपने कलेक्शन में 10 करोड़ रुपये का आँकड़ा पार करने का इंतजार कर रहा है, वे अपने अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी फिल्म पुरस्कारों का भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जिसने दुबई में इस साल मई के अंत में फिल्म समारोह और लंदन में आयोजित होने वाले अपने पिछले सीजन से अपना बजट दोगुना कर दिया है।

भोजपुरिया दरोगा, पारो पटना वाली, मसीहा बाबू और कुर्बानी फिल्म से सुडौल शरीर और आकर्षकलुक वाले अभिनेता सुदीप पाण्डेय ने तीन फिल्मों के निर्माण की एक साथ घोषणा करके भोजीवुड मे हलचल मचा दिया है। इसी कड़ी में सुदीप पाण्डेय ने मुंबई मे चांदनी सिंह के साथ फिल्म ‘अनाड़ी सजना‘ शूटिंग शुरु कर दी है। फिल्म के निर्माता वे खुद हैं और निर्देशक दिलावेज खान हैं।

बहरहाल भोजपुरी फिल्मों का भविष्य, तमिल, तेलगू, मलयालम और मराठी फिल्मों की तरह चमकने के आसार हैं। इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का बड़ा योगदान है। इसके दो मुख्य कारण हैं। पहला उत्तर प्रदेश मे फिल्म सिटी का निर्माण जहाँ शूटिंग से लेकर डबिंग तक की सारी सुविधायें मौजूद हैं और दूसरे फिल्म निर्माण पर हुए खर्च पर निर्माता को 30% सब्सिडी है।

डॉ. अमरनाथ पाठक
वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार व फिल्म कलाकार मगध विश्वविद्यालय, बोधगया

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