GeneralJoy of Giving

गुजरात की बेटी “इनॉगरेशन क्वीन”- हेतल बेन अमीन

श्रीमती नीलम कुलश्रेष्ठ,
अहमदाबाद



औरत मोहताज नहीं किसी गुलाब की,
वो खुद बागवान है इस कायनात की।

ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्यरत एक ऐसी सामाजिक महिला हेतल बेन से परिचय कराने जा रहे हैं जिनके द्वारा किए जा रहे कार्यों को पढ़कर आप गर्व महसूस और उनसे प्रेरणा लेकर समाज व देश के लिए कुछ करना चाहेंगे।

हेतल बेन से बात की कैफे सोशल हिंदी प्रतियोगिता की विजेता श्रीमति नीलम कुलश्रेष्ठ जी (अहमदाबाद) नें, उसके कुछ अंश हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं।

कोरोना काल में पलायन करने को मजबूर मजदूरों को गुलमोहर मॉल में पनाह दे कर उनके भोजन की व्यवस्था हेतल बेन अमीन द्वारा स्थापित एन.जी.ओ कल्याणी साहसिक महिला विकास संघ की। उस समय लोगों की नौकरियां जा रहीं थीं, उनकी पत्नियों को इस संस्था में मास्क बनाने के प्रोजक्ट में काम दिया जिससे वो अपने घर की जरूरतें पूरी कर सकें। हेतल बेन 25 वर्षों से समाज में प्रशिक्षण क्लास, सेमीनार या वर्कशॉप आयोजित करवा कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है। वे अपनी संस्था के माध्यम से गुजरात के गाँवों में जाकर स्त्रियों को सरकारी स्कीम की जानकारी देकर उन्हें आजीविका कमाने में सहायता करतीं हैं। इस तरह से वे अब तक १०,००० कामगार स्त्रियों को सरकारी पहचान पत्र व सहायता दे पाईं हैं। 8 मार्च 2021 विश्व महिला दिवस को सार्थक बनाते हुए एक अस्पताल के साथ मिलकर 150 महिलाओं के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के “शॉपिंग फेस्टिवल” कार्यक्रम को कुछ इस तरह नियोजित व आयोजित किया कि मोदीजी भी इनकी प्रशंसा किये बिना रह नहीं सके। वो हकीकत में इनॉगरेशन क्वीन है।
…अहमदाबाद और आस पास के गाँवों में उन्होंने महिला उत्थान के लिए उन्होंने अपनी टीम के साथ गाँव गाँव जाकर हैंडीक्राफ्ट्स बनाने वाली स्त्रियों से सम्पर्क किया व उन्हें गुजरात सरकार की योजनाओं से परिचित करवाकर उनका गुजरात सरकार का आर्टीसेन कार्ड बनवाया। इस तरह से उन्होंने बहुत सी स्त्रियों को उनकी प्रगति का रास्ता दिखाया है।

हेतल बेन व के.एस एम वी. एस के कार्यकर्ताओं के इसी समर्पण के कारण 2016 में सरकार ने उन्हें डॉटर ऑफ गुजरात की उपाधि से सम्मानित किया। आपके पिता वलास वन ऑफीसर थे। उनके दो भाई इंजीनियरिंग पढ़ रहे थे। पापा की इच्छा थी कि वे डॉक्टर बने लेकिन इन्होंने साफ साफ कह दिया कि उसे आर्ट का शौक है। पापा ने कहा ठीक है, जो तुम्हारा दिल करे वह कैरियर चुनो।

इतवारी बाजार में जाकर पन्द्रहवीं, सोलहवीं शताब्दी की पुस्तकें सस्ते में खरीदती, जिसमें राजा महाराजाओं की पोषाकों की फोटोज होतीं थीं। कच्छ के हस्तकार अपनी कढ़ाई के कपड़े वहां लाते थे वह खरीदती थी जिससे अपने बनाये चनियाँ चोली पर पैचवर्क कर सकें। शेक्सपियर जैसे लेखकों की पुस्तकें कम दामों में खरीदकर पढ़तीं। साहित्य का शौक इतना हुआ कि उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में बी. ए कर डाला। अहमदाबाद के रानिप क्षेत्र के बंगले के आस पास रहने वाली बहुत सी स्त्रियां कढ़ाई का काम करतीं थीं। उनसे सम्पर्क किया, कुछ इन्होंने सहायक रखकर चनियाँ चोली बनाने आरम्भ किये। इनके बुटिक की प्रसिद्धि इतनी फैली कि खुद स्त्रियां काम मांगने इनके पास आने लगीं। जो युवा लड़की स्त्री सशक्तिकरण का अर्थ भी नहीं जानती थी वह कामगार स्त्रियों को अपने पैरों पर खड़ा होना सिखा रही थी।

कच्छ की कढ़ाई करने वाली स्त्रियों की एक एन जी ओ बनाई उसे सरकार से जोड़ा। इस काम में सहायता मिली तत्कालीन डेवलपमेंट हैंडीक्रापट्स एन्ड डेंडलूम्स मंत्री दर्शना बेन से।

साक्षात्कार…
नीलम जी… आपकी भविष्य के लिए क्या योजनाएं हैं ?
हेतल बेन… अहमदाबाद के वाडज में पंद्रह सौ बेनें पैचवर्क का काम करतीं हैं। उन पर किसी का ध्यान नहीं गया। में और दर्शना बेन कोशिश कर रही हूं गांधी आश्रम के पास क्रापट विलेज खुलने का, जो आश्रम दूर का हिस्सा होगा। जहाँ देशी व विदेशी पर्यटक आएंगे, जिससे इनका रोजगार बढ़ेगा तो इनको आजीविका कमाने अपना घर छोड़कर जाने की आवश्यकता भी नहीं होगी। मुझे आत्म संतोष है कि मैंने गुजरात की कला को पेरिस, लंदन और अनेक देशों में पहुंचाया है।

नीलम जी आपके परिवार में कौन कौन है?
हेतल बेन… मेरी शादी डॉक्टर साहब से हुई। बेटी आई टी इंजीनियरिंग व बेटा कम्प्यूटर इंजीयरिंग कर रहा है। सारी व्यस्तताओं के बावजूद अपने काम व परिवार में संतुलन रखती हूं। हम लोग डेढ़ दो महीने में समय निकालकर एक साथ घूमने चले जाते हैं।

नीलम जी आपने स्मृति ईरानी के प्रोजेक्ट से 10,000 ग्रामीण बहिनों के आर्टीसन कार्ड्स बनवाये थे। इस बात पर प्रकाश डालेंगी?
हेतल बेन… हमारी इन बेनों को अपनी वस्तुएं बेचने में बहुत कठिनाई होती थी। अब ये बेनें गांधीनगर से सिर्फ दो सौ रूपये में किसी एग्जीबिशन में एक स्टॉल बुक कर सकती हैं।

नीलम जी आपकी ‘एन जी ओ’ को किसी सरकारी प्रोजेक्ट में काम करने पर क्या मिलता है?
हेतल बेन में एक भी रुपया सरकार से नहीं लेती हूं। यदि लूगी तो मेरे हाथ बंध जाएंगे। मुझे सरकारी कायदे कानून से चलना होगा। सरकार के प्रोजेक्ट के लिए कारीगर देतीं हूँ। इन्हें जो रोजगार मिलता है उसे देखकर मुझे संतुष्टि मिलती है।

नीलम जी आप किस तरह से महिलाओं को सशक्त एवं आर्थिक रूप से मजबूत कर रही है?
हेतल बेन… जबसे हमारी एन जी ओ ने गुजरात सरकार के वाइब्रेट समिट में भाग लिया है। तबसे हमारे सदस्यों के फूड पैकेट्स अमेरिका, कनाडा व अन्य देशों में एक्सपोर्ट होने लगे हैं। ये किस तरह स्त्रियों की आय बढ़ातीं हैं, ये इस बात से समझा जा सकता है कि ढोलका तालुका के कावीथा गाँव की सत्तर स्त्रियां एक विशेष गाय का शुद्ध घी 400 रू किलो में बेचती थीं। मेने उनसे सम्पर्क किया क्योंकि गुजरात में कुछ लोग किसी डेरी से गाय का घी न लेकर सिर्फ घर में बनाया शुद्ध घी खरीदते है। एक कार्यशाला आयोजित करके उन्हें पैकेजिंग व मार्केटिंग सिखाई। अब ये विशेष घी 4000 रु किलो बिकता है।

नीलम जी… वया आप कोई उदाहरण देकर समझायेंगी कि आपने किसी स्त्री की कैसे सहायता की, कि उसकी जिंदगी बदल गई हो?
हेतल बेन… जी एक महिला अलका सोनी मेरे पास आई थी जो हेण्डीक्रापट्स का काम करना चाहती थी लेकिन उसके पास पैसा बिल्कुल नहीं था। उसकी प्रतिभा व लगन पहचानकर मैंने उसके लिए कारीगर खोजे व पैसा दिलवाया। आज उसके अहमदाबद व आनंद में दो शो रूम है।

नीलम जी कोरोना काल में आपने किस तरह से कार्य किया?
हेतल बेन
महसाना जिले के वडसर गाँव में ५८ मौतें हुई। इतने मृत शरीर का कैसे क्रिया कर्म करें, सरपंच समझ नहीं पा रहे थे। जब में यहां पहुंचीं और सबकी क्रिया की व्यवस्था की। सारा गाँव सेनीटाइज करवाया व मास्क बांटे। हमारी एन जीओ को १० लाख मास्क बनाने का सरकारी ऑर्डर मिला। रोज काम करने वाले मजदूर व औरतों को इक‌ट्ठा किया। इन्हें मास्क बनने का काम दिया। इस तरह इस समय में व्यवस्था की कि जहाँ तक हो सके लोग भूखे पेट न सोएं।

नीलम जी… आपने बेनों को कैसे आर्थिक सहायता पहुंचाई?
हेतल बेन…
बहुत सी बेंनों की अलग अलग समस्याएं हैं, उनके लिए काम की व्यवस्था की जिससे उन्हें आजीविका का मौका मिला।

नीलम जी.. आपका देशवासियों के लिए संदेश क्या है?
हेतल बेन… मैं अक्सर लोगों से पूछतीं हूँ कि दुनियां में सबसे आधिक ऑक्सीजन कौन लेता है! मुझे स्वयं ही उत्तर देना पड़ता है, वह हैं बाबा रामदेव । दूसरा प्रश्न होता है कि अडानी अंबानी के बाद किसकी सबसे अधिक आय है ? जाहिर है बाबा रामदेव की । उनका टर्न ओवर दस करोड़ से बढ़कर बीस करोड़ हो गया है। तो में सबसे कहतीं हूँ कि आप लोग क्यों नहीं अभी से सोचते कि आगे आपको अपना क्या काम करना है। जब बाबा कम पढ़े लिखे होकर इतना आगे बढ़ सकते हैं तो आप क्यों नहीं ? क्यों आप सोचते हैं कि हम अपनी पढ़ाई खत्म करके कोई सरकारी नौकरी खोजेंगे। आप अपना काम क्यों नहीं शुरू करते हैं? में अपना फायदा न सोचकर आम जनता के लिए किस तरह सोचतीं हूं, एक उदाहरण दे रहीं हूँ। नाइजीरिया सरकार का आमंत्रण मिला है कि आप अपना प्रतिनिधि मंडल लेकर यहाँ आएं और यहां की कलाकार स्त्रियों को संगठित करें। मैंने उन्हें उत्तर दिया है कि आप मेरे प्रतिनिधि मंडल को गुजरात सरकार के माध्यम से आमंत्रित करें।

लेकिन क्यों?
क्योंकि वहाँ खेती में पैदावार बहुत कम होती है। जाहिर है इस तरह संबन्ध बनने से कृषि मंत्रालय अपने अच्छे बीज वहां एक्सपोर्ट कर सकता है। वहाँ हेंडीक्राफ्ट के लिए सामान भी बेचा जा सकता है। सारी दुनियां में भारत सबसे अधिक दवाइयां बनाता है। तो ये इनके निर्यात का फायदा भी सरकार को मिल सकता है।

नीलम जी.. आप अपने जीवन के लक्ष्य को किन शब्दों में प्रकट करना चाहेंगी ?
हेतल बेन…
मुझे अपने भारत व इंडिया का अंतर बहुत पीड़ा देता है। में इस अंतर को मिटाना चाहतीं हूँ। अगर मेरे जैसे 50,100 लोग भी इस लक्ष्य को लेकर रुट लेवल पर काम करने लगें तो ये दूरी बहुत हद तक मिट सकती है ।

नीलम जी… आप कोरोनाकाल में बिना डरे किस तरह इतने परिवारों को आर्थिक मदद कर पाई?
हेतल बेन… इतिहास साक्षी है कि जब जब देश पर मुसीबत आई है स्त्रियों ने भी उसका सामना किया है। इसलिए भी हमारा देश आजादी में सांस ले रहा है। में ऐसी दुनियां का निर्माण करने में लगीं हूँ जहाँ हर स्त्री सुरक्षित हो, शक्तिमान हो व इतनी आत्मनिर्भर बने कि लोग उसे महत्व दें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button