मेरा अपना पुस्तकालय” हरदा के युवा साथी; भोपाल सामूहिक भ्रमण का -प्रसारित वीडियो
“विपत्ति हमारी सबसे बड़ी मित्र हैं,यह हमें जिंदगी के प्रति सावधान करती हैं”
इनबुक फाउंडेशन अपने अभियान “हर गांव हो मेरा अपना पुस्तकालय/विध्याकुल” के तहत हरदा जिले में चल रहे 13 पुस्तकालय के 15-20 युवा आदिवासी बच्चों को प्रोत्साहन एज्युकेशन सोसायटी की टीम के साथ एक दिवसीय भोपाल भ्रमण (31मई2022) कराने के लिए बच्चो को भोपाल लेकर गए। इस यात्रा में बच्चो ने एकलव्य,न्यूसीड, आदिवासी संग्रहालयों और क्षैत्रीय केंद्र जैसे संगठनों का दौरा किया।
इस एक दिवसीय यात्रा का उद्देश्य यह था कि बच्चे वास्तविक जीवन के उदाहरणों और बाल केंद्रित विकास दृष्टिकोण के अनुभवों से अवगत हो सके। इनबुक के फाउंडर्स का यह मानना है की इस कार्य से बच्चे तो कई बाते सीखते ही है और उनके अनुभवों से देश में चल रहे अन्य “मेरा अपना पुस्तकालयों” को सक्रियता, मजबूती और गतिशीलता भी मिलती है, और हमें भी ऐसे कार्यक्रम करने के लिए प्रेरित करती है।
यह आयोजन एक सफल आयोजन था क्योंकि इसके पीछे का उद्देश्य टीम द्वारा हासिल किया गया। आइए देखें कि बच्चे इस आयोजन की समीक्षा में क्या बताना चाहते है –
“भोपाल मे हम सभी साथी पहले बाल मंडल गए। वहा हमने क्षेत्र दौरा किया। वहा के बच्चे अपने अधिकार पर काम करते है। मैंने उनसे बहुत कुछ नया सीखा।” – Aakash Bachaniya
“बहुत कुछ नया सीखने को मिला बहुत खुशी हुई। मैंने सारी चीजें घर पर आकर बताई बहुत-बहुत धन्यवाद इनबुक फाउंडेशन मेरा अपना पुस्तकालय।” – Barkha Devda,
“पहले हमें हरा भवन के बारे मे जानकारी दी गई। उसको कैसे बनाया, कौनसे सामग्री का उपयोग किया और कैसे वहा के लोग बिजली, पानी की बचत करते है। यह जानकर हमे बहुत प्रेरणा मिली।” – Parwana,
“मुझे हमारी पुरानी संस्कृती के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी मिली। बहुत मस्ती के साथ नई चीजें सीखने को मिली और आगे भी मैं ऐसे ही “इनबुक फाउंडेशन” के साथ जुड़ा रहूँगा।”- Aakash Kevat,
भोपाल के इस एक दिवसीय दौरे पर बच्चों ने खुशी जाहिर की। कई बच्चों के लिए यह पहली बाहरी यात्रा थी, इससे पहले वे कभी अपने गांव से बाहर नहीं जाते थे। जब बच्चों ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया, तो इनबुक फाउंडेशन को बहुत अच्छा लगा और फाउंडेशन को इस तरह के और भी आयोजन करने के लिए प्रेरणा मिली।