मेरी कलम से – चलो चंद्रयान चलो
चलो चंद्रयान चलो
चांद मामा पास चलो
धरती की प्यारी बलैया
विक्रम लैंडर के साथ चलो
विक्रम लैंडर निज रोवर से
वह संदेश सुनाएगा
भारत का यह ऐतिहासिक मिशन
युग-युग तक अमर हो जाएगा ।
जहाँ विश्व का कोई देश
अभी तक नहीं पहुँच पाया
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर
चंद्रयान — 3 ने परचम लहराया ।
महिला वैज्ञानिकों ने भी
इसमें अमूल्य योगदान दिया
सभी वैज्ञानिकों की अटूट मेहनत ने
चंद्रयान का सफल लैंडिंग करा दिया ।
कितनी रात जगे वैज्ञानिक
कितने दिन घर नहीं गए,
अपने मिशन के आगे
वे खाना — पीना भी भूल गए।
तीन लाख चौरासी हजार किलोमीटर
का सफर वैज्ञानिकों ने पार करवाया
पल–पल नजरें टीकाकर
विक्रम को चांद पर उतार दिया ।
प्रज्ञान रोवर अब चांद पर
नित नई खोज कर रहा,
इसरो के वैज्ञानिकों को
नित नवीन सूचनाएं दे रहा ।
इसरो ने वह कर दिखलाया
जो नासा भी कर न सका,
पूरा विश्व भारतवर्ष के आगे
एकबार फिर नतमस्तक रहा ।
नमन भारत के वैज्ञानिकों को
इसरो के कठिन मेहनत को,
कभी हार न मानने वाले
जय भारत के विज्ञान को।
डॉ अम्बे कुमारी
सहायक प्राचार्या
हिन्दी विभाग
मगध विश्वविद्यालय
बोधगया, बिहार