शूरवीरो की गाथा

वीरांगना श्रीमती राजकुमारी गुप्ता

स्वतंत्रता संग्राम में हमारे देश के अनगिनत वीर सपूतों ने भाग लेते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस लड़ाई में बहुत सी महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया।ये वीर महिलाएं स्वतंत्रता सेनानियों को अंदर और बाहर से भरपूर समर्थन करती रही थी चाहे उन तक भोजन पहुंचाना हो,उन तक हथियार या अन्य सामग्रियों को पहुंचाने का कार्य हो या फिर संदेश पहुंचाने का कार्य।स्वतंत्रता सेनानियों को नैतिक समर्थन करते हुए मातृभूमि की आजादी के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान करने को भी तैयार रहती थी।

हमारी इन वीर महिलाएं का भारत की स्वतंत्रता दिलाने में योगदान पुरुषों की तुलना में कहीं से भी कम नहीं था।ऐ वीरांगनाएं वो थी जिन्होंने वीरों के शहीद होने का नहीं बल्कि उनके सपने पूरे ना होने का शोक मनाया था। ऐसी ही अनगिनत वीरांगनाओं में से एक थी श्रीमती राजकुमारी गुप्ता जी।

राज कुमारी गुप्ता का जन्म 1902 में बांदा, कानपुर उत्तर प्रदेश में हुआ था। राजकुमारी जी एक दृढ़ निश्चय की महिला थी देश प्रेम की भावना बचपन से ही उनके दिलो-दिमाग में हिलोरे मार रही थी। उनके ऊपर महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र के विचारों का बड़ा प्रभाव रहा। राजकुमारी जी का विवाह मदन मोहन गुप्ता जी के साथ हुआ था। मदन मोहन जी गांधी जी और चंद्रशेखर आजाद जी के साथ मिलकर काम करते थे। पति के द्वारा किए जा रहे कार्यों से राजकुमारी जी को भी मातृभूमि के लिए कुछ करने का बल मिला। राजकुमारी गुप्ता गुपचुप रुप से क्रांतिकारियों की मदद करने लगी थी। उन तक जरूरी सूचनाएं, संदेश ओर हथियार पहुंचाने का कार्य करने लगी थी। आप आगे चलकर चंद्रशेखर आजाद की हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन पार्टी की सदस्य बन गई थी। अंग्रेजों द्वारा “काकोरी कांड” में क्रांतिकारियों को हथियार पहुंचाने के लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था,यह तब हुआ जब वह अग्नेय- शस्त्रों को अपने कपड़ों में छुपा कर अपने 3 साल के बेटे को साथ में लेकर खेतों में से होकर जा रही थी। गिरफ्तार होते ही ससुराल वालों ने दुर्व्यवहार किया और उनका बहिष्कार तक कर दिया। इतना सब होने के बावजूद भी श्रीमती गुप्ता ने हार नहीं मानी बल्कि और मजबूत इरादों के साथ अपना योगदान देती रही। उस समय ससुराल वालों ने उनसे किसी भी प्रकार का सम्पर्क नहीं रखा और खबर करा दी कि उनका राजकुमारी से कोई रिश्ता नहीं है। राजकुमारी गुप्ता स्वतंत्रता की लड़ाई में कई बार जेल गई और अपना जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया।

ऐसी थी वीर वीरांगना श्रीमती राजकुमारी गुप्ता जी। अंत समय में उनके जीवन के बारे में देश में कोई चर्चा नहीं हुई, वास्तव में हुए देश की एक सच्ची नायिका थी।

कैफे सोशल राजकुमारी गुप्ता जी को शत् शत् नमन करता है।

-संजीव जैन

                   

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