लंच ब्रेक के बाद खेल शुरू, मध्य प्रदेश बड़ी बढ़त की ओर
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रणजी ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला मध्यप्रदेश और मुंबई के बीच खेला जा रहा है. चौथे दिन लंच ब्रेक तक मध्य प्रदेश ने छह विकेट के नुकसान पर 475 रन बना लिए हैं. रजत पाटीदार 120 और सारांश जैन 20 रन बनाकर खेल रहे हैं.
यश दुबे और शुभम शर्मा की शतकीय पारी से रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में तीसरे दिन मध्यप्रदेश ने मुंबई के खिलाफ दमदार वापकी की है. यश और शुभम के बीच दूसरे विकेट के लिए 222 रनों की साझेदारी हुई, जिसके दम पर मध्य प्रदेश ने खेल के तीसरे दिन अपने पहले खिताबी जीत की ओर मजबूत कदम बढ़ा दिए हैं. मुंबई की पहली पारी में 374 रन का स्कोर बड़ा लग रहा था लेकिन दुबे ने 236 गेंद में 14 चौकों की मदद से 113 और शुभम ने 215 गेंद में 15 चौके और एक छक्का जड़ 116 रन की पारी खेलकर टीम को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया.
मध्यप्रदेश ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक तीन विकेट पर 368 रन बना लिये है और पहली पारी के आधार पर मुंबई से सिर्फ छह रन पीछे है. मध्य प्रदेश को पहली पारी में निर्णायक बढ़त लेने के लिए केवल सात रन की जरूरत है और अगर टीम की बल्लेबाजी चौथी पारी में बुरी तरह से लड़खड़ाती नहीं है तो खिताब उनकी झोली में होगा. मध्य प्रदेश की टीम पिछली बार 1998-99 में रणजी फाइनल में पहुंची थी लेकिन तब उसे कर्नाटक से हार का सामना करना पड़ा था.
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शम्स मुलानी से हुई मुंबई की टीम को निराशा
दिन की शुरुआत एक विकेट पर 123 से करने के बाद मध्य प्रदेश के बल्लेबाजों ने तीसरे दिन धैर्य से खेलते हुए 245 रन बनाये लेकिन इस दौरान मुंबई के गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसा दिया. स्टंप्स के समय इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले रजत पाटीदार 106 गेंद में 13 चौकों की मदद से 67 और कप्तान आदित्य श्रीवास्तव 33 गेंद में 11 रन बनाकर खेल रहे थे. टीम की कोशिश अब अपनी बढ़त को इतना बढ़ाने पर होगी जहां से मुंबई को वापसी का मौका नहीं मिल सके चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच से गेंदबाजों को मदद मिलने का संकेत नहीं मिल रहा था. दिन में निकली तेज धूप ने बल्लेबाजों का काम और आसान कर दिया. सबसे बड़ी निराशा मुंबई के बाएं हाथ के स्पिनर शम्स मुलानी (40 ओवर में एक विकेट पर 117) को हुई, जिन्होंने बहुत अधिक ढीली गेंदें फेंकी.
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