पद्म पुरस्कार- होते क्या है?
भारत सरकार अपने उन नागरिकों को जिन्होंने समाज व देश हित में कार्य किए हों, उन कार्यों के लिए पद्म पुरस्कार प्रदान करती है। जिन नागरिकों को यह पुरस्कार मिलता है वह देश के नवनिर्माण में नींव के पत्थर साबित होते हैं। इन्हीं नींव के पत्थरों पर देश का भविष्य सुखद और उन्नत रहता है। आगे चलकर इन्हीं लोगों से प्रेरित डोकर अन्य नागरिक भी अपने अपने क्षेत्र में कार्य करते – हुए देश के नवनिर्माण में लग जाते हैं। यह सम्मान देश के लिए अच्छा और बहुमूल्य कार्य करने वाले नागरिकों को दिया जाता है।
पद्म पुरस्कार होते क्या है?
भारत के नागरिकों को उनके द्वारा किए गए अति विशिष्ट कार्यों के लिए भारत सरकार उनका सम्मान करते हुए पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करती है। इन पुरस्कारों में सबसे बड़ा पुरस्कार भारत रत्न होता है। देश के दूसरे सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कार होते हैं। भारत रत्न के बाद पद्म पुरस्कार जो 3 तरह के होते है–
- पद्म विभूषण पुरस्कार उन नागरिकों को, जिन्होंने अपने – असाधारण और विशिष्ट सेवा के द्वारा देश हित में काम किया हो, उनको दिया जाता है। यह नागरिकों का मिलने वाला दूसरा सर्वोच्च सम्मान होता है।
- पद्म भूषण पुरस्कार उन नागरिकों को दिया जाता है जिन्होंने – विशिष्ट और उच्च सेवाओं के द्वारा देश की सेवा की हो। यह नागरिकों को मिलने वाला तीसरा प्रतिष्ठित सम्मान होता है।
- पद्म श्री – जिन नागरिकों ने अपने किसी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा की हो, उनको यह पुरस्कार दिया जाता है। यह नागरिकों का मिलने वाला चौथा विशिष्ट सम्मान होता है ।
पद्म पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, समाज सेवा, लोक – कार्य, विज्ञान और इंजीनियरी, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल-कूद, सिविल सेवा इत्यादि के संबंध में प्रदान किए जाते हैं।
इन पुरस्कारों की घोषणा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। सामान्यतः माच / अप्रैल माह में राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में भारत के राष्ट्रपति जी द्वारा नागरिकों को प्रदान किये जाते हैं।
यह पुरस्कार केवल उन्हें ही दिए जाते है जो देश के सबसे अच्छे नागरिक होने का अपना कर्तव्य निभाते हैं।
पद्म पुरस्कारों में राष्ट्रपति के द्वारा हस्ताक्षर किया गया एक प्रमाण पत्र और पदक मिलता है। साथ ही एक प्रतिकृति भी मिलता है जिसे प्राप्तकर्ता किसी राज्य समारोह में पहन सकते हैं।
वर्तमान सरकार ने सही अर्थों में इन पुरस्कारों को आमजन के पुरस्कार के रूप में बदल दिया है। अब यह पुरस्कार देश के सामान्य नागरिकों को भी मिलता है, उनके कार्यों के मापदंडों के आधार पर। अब देश के लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे अपने आसपास के उन गुमनाम नायकों के बारे में जानकारी सरकारों तक पहुंचाए जो बिना किसी चमक – धमक के गुमनाम रहते हुए अपने अपने क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कार्य करते हुए देश व समाज की सेवा कर रहे हैं।
देश के सभी नागरिक इन पद्म पुरस्कारों को अपने कार्यों के आधार पर पा सकते हैं।
हर वर्ष 1 मई से 15 सितंबर तक नामों की सिफारिश की जाती है, इसके बाद जो भी नाम आते हैं उन पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री एक कमेटी का गठन करते हैं। इस कमेटी का अध्यक्ष कॅबिनेट सचिव होता है। कमेटी नामों पर विचार कर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजती है। उनकी मंजूरी मिलने के बाद इनकी घोषणा की जाती है।
पद्म पुरस्कार सन् १६५४ से पद्म पुरस्कार दिए जा रहे है।
इस वर्ष राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने राष्ट्रपति भवन में नागरिक अलंकरण समारोह में वर्ष 2023 के पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। इन पद्म पुरस्कारों में से ६ पद्म विभूषण, पद्म भूषण और ६१ पद्म श्री हैं। पुरस्कार पाने वालों में १६ महिलाएं भी हैं।
पद्म विभूषण पाने वालों में पूर्व रक्षामंत्री स्य श्री मुलायम सिंह यादव – और ORS के अग्रणी दिलीप महालनाविस का नाम है।
पद्म भूषण उधोगपति कुमार मंगलम बिड़ला, सुश्री सुधा मूर्ति – (सामाजिक कार्य) और सुमन कल्याणपुर (कला) आदि को दिए गए।
पद्म श्री – जैविक खेती करने वाले ६८ वर्षीय किसान तुलाराम उप्रेती, सुश्री उषा वाले (कला) सिही समाज की डीराबाई लोबी जैसे नाम पद्म श्री पाने वालों में शामिल हैं। डीराबाई लोबी ने सिद्दी समाज और खासतौर पर महिलाओं के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। डीराबाई ने अपनी जिन्दगी का ज्यादातर वक्त सिद्दी समाज की महिलाओं को शिक्षित करने में लगा दिया। अब तक वो 700 से अधिक महिलाओं और बच्चों की किस्मत बदल चुकी हैं।
इन पुरस्कार प्राप्त करने वाले विजेताओं और उनके द्वारा किए गए कार्यों को देख और सुनते है तो पता चलता है कि कैसे उन्होंने समाज व देश के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। अचरज तब होता है जब यह भी जानने को मिला कि इनमें से बहुत से लोगों ने कभी राष्ट्रपति भवन तो दूर दिल्ली भी नहीं देखा। कुछ लोग तो नंगे पांव ही पुरुस्कार होने राष्ट्रपति भवन पहुंचे। सामान्य सी जिंदगी जीने वाले इन पद्म विजेताओं के द्वारा किए गए उनके कार्यों की जानकारी मिलती है तो गर्दा महसूस होता है कि पद्म पुरस्कार केवल उच्च वर्ग के लोगों को ही नहीं बल्कि सामान्य आम लोगों को भी मिलता है। कोई भी नागरिक निस्वार्थ भाव से कार्य करते हुए प्राप्त कर सकते हैं। यह पुरस्कार मिलने के बाद अगर कोई इसका दुरूपयोग करता हैं तो यह जब्त भी कर लिया जाता है।
सही बात तो यह है कि ऐ लोग समाज व देश के वो नींव के पत्थर है जिन पर भारत देश की सुखद और खुशहाल इमारतें लंबे समय खड़ी रहती है. इनके पदचिन्हों पर चलकर आने वाली पीढ़ियां अपने कर्तव्यों को समझते हुए देश की सेवा करते हैं।
सभी पद्म पुरस्कार (नींव के पत्थरों) विजेताओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।।
हम सब भी इनसे प्रेरणा लें और देश व समाज के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करें।
संजीव जैन