विषैले और विषहीन सर्पों को पहचानना ??
भारत मे लगभग 270 सर्प प्रजातियाँ पाई जाती है जोकि विश्व की सर्प प्रजाति का 10% है। भारत मे पाई जाने वाले अधिकतर सर्प प्रजाति विषहीन है लेकिन कुछ प्रजाति अत्यंत विषैली भी है। यह बताना थोड़ा मुश्किल होता है कि कौनसा सर्प विषैला है, कौनसा विषहीन। नोट : विषहीन को कम घातक मान कर चले।
विषैले सर्प
सभी विषैले सर्प चमकदार रंगो के होते है।
विषैले सर्प का सर हटकर होता है, वह चौड़ा, तिकोना या पंजे जैसा होता है।
सर्पों मे कोबरा प्रजाति जिसका फन चौड़ा होता है अत्यंत विषैली होती है।
विषैले सर्प उष्णता के लिए संवेदनशील होते है।
सारे समुद्री सर्प विषैले होते है। लेकिन मीठे पानी वाले सर्प विषहीन होते है।
भारत मे पाए जाने वाले विषैले सर्प , किंग कॉबरा, कोबाला, रशेल वाईपर , वाइपर, मालाबर पिट वाइपर और करैत है।
विषहीन सर्प
विषहीन सर्प चमकीले रंगों मे नहीं होते है।
विषहीन सर्प का सर पतला और लंबा होता है।
सामान्यत: विषहीन सर्प मे विषग्रंथी और विष दांत नहीं होते है लेकिन कुछ विषहीन सर्पों मे हो सकते है।
पायथन विषहीन सर्प है लेकिन दांतों की पंक्ति होती है।
भारत मे पाए जाने वाले विषहीन सर्प : धामन , बैंडेड कुकरी, सैंड बोआ, अजगर