दुनिया में बढ़ता ग्लोबल वार्मिंग का खतरा
तो आज हम जिस विषय पर बात करने वाले है वो विषय हमारी वजह से ही चर्चा में है। हम इंसान जितने अच्छे है निसर्ग के लिए उससे कई गुना ज्यादा हानिकारक भी है। आप सोचते होंगे कैसे हम इंसान निसर्ग के लिए हानिकारक है ? तो आज उसी विषय पर रोशनी डालेंगे।
जैसा कि आप सभी को पता होगा कि हाल ही में ग्लोबल वार्मिंग की खबरे लगातार सुनाई दे रही है और हम महसूस भी कर रहे है। जैसे बिन मौसम बरसात होना, तापमान बढ़ना, और वायु का दूषित होना। ये सारी चिजो में बढ़ोतरी होने का कारण हम इंसान ही है।
सबसे पहले हम देखते है प्रदूषण की स्थिति भारत में —
२०२० कि रिपोर्ट के अनुसार भारत का वायु प्रदूषण सूची में तीसरे क्रमांक पर आता है। दुनिया में जितनी भी राजधानी है उनकी तुलना में दिल्ली सबसे प्रदूषित राजधानी है ।
एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर २०३० तक हमारे देश कि हवा जो अभी दूषित है वो ठीक नहीं हुई तो आगे आने वाले कुछ सालों में हमे ऑक्सीजन टैंक के किट पहनकर चलना होगा । क्योंकि २०३० तक हमारे देश कि हवा ज़हरीली हो जाएगी ऐसा अनुमान लगाया गया है । ये सबसे गंभीर समस्या है और हमे इसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए।
अब हम देखेंगे सबसे स्वच्छ देश और सबसे दूषित देश -:
२०२१ के रिपोर्ट के अनुसार सबसे प्रदूषित देश -:
१. मंगोलिया
२. कैमेरून
३. म्यानमार
४ . अगानिस्तान
२०२१ के रिपोर्ट के अनुसार सबसे साफ देश -:
१. डेनमार्क
२. लक्जमबर्ग
३. स्विट्जरलैंड
४. यू.के
ये कुछ उदाहरण थे साफ देश और सबसे प्रदूषित देश के, हमारे भारत का क्रमांक उस में १६ वां है । आइए ये जो ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रहा है इसकी वजह जानते है–
लोगों कि आबादी बढ़ना , कारखानों का बढ़ना , कचरा और भी कई अन्य चीज़े है जो बढ़ रही है । उसकी वजह से प्रदूषण में भी बढ़ोतरी हो रही है।
जो पर्यावरण प्रेमी है या जो जानते है कि कितनी हानि हो रही है निसर्ग को हमारी वजह से । और बहुत सारे देशो में रैलीया निकाली गई और आंदोलन भी हुए कि हमें इसे रोकना है बढ़ने नहीं देना है और इन सारी चीज़ो के बहुत सारे उपाय भी बताएं । लेकिन हम इस समस्या को नजर अंदाज कर रहे है जो कि हमारे लिए ही हानिकारक है।
अब बात करते है भारत कि जो प्रदूषित देशों कि सूची में १६ वें क्रमांक पर आता है । आप ही अंदाजा लगाइए की कितनी खराब हालत है हमारे देश की और सारे देशों कि भी ।
अब जानते है ग्लोबल वार्मिंग होता क्या है?
जब वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है तो वायुमंडल के तापमान में बढ़ोतरी होने लगती है । तापमान में हुए इस बदलाव को ग्लोबल वार्मिंग कहते है।
अब जानते है ग्लोबल वार्मिंग के क्या उपाय है –:
जंगलों कि कटाई कम करनी होगी, ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे , पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तमाल करना होगा , जिन मशीनों से सी. एफ. सी गैस निकलता है उसका कम से कम इस्तमाल करना होगा । जिन बड़ी- बड़ी फैक्ट्रियों में से जानलेवा रसायन निकलते है उनको उपयोग में लाने लायक बनाने कि कोशिश करनी होगी ।
ये उपाय है जो सारे देशों को मिलकर करने होगें, तब जाकर कहीं कम होगा ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण।
इसके ज़िम्मेदार भी हम है, तो इसे ठीक भी हमे ही करना होगा ।
जब तक एक – एक जन ठान ले कि गंदगी नहीं करनी है, तब तक देश साफ नहीं होगा । अब ये हमारे हाथों में है कि हमे इस गंदगी में ही रहना है या इस गंदगी को साफ भी करना है। फैसला हमारा है, क्योंकि जब हम इंसानों ने पर्यावरण के नियमों के खिलाफ जाकर काम किया है तब हमें ऐसे ही उनके क्रोध का सामना करना पड़ा है।