हिंदी प्रतियोगिता
हिंदी है हम
हर क्षेत्र में हिंदी है महान, नहीं है कहीं किसी से कम,
माॅडन हो गए हो फिर भी, गर्व से कहो हिंदी है हम।
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है फिर भी, हिन्दी बोलने में हिचकिचाहट क्यों,
लोगों को अब लगती है, इंग्लिश बोलने में बनावट क्यों।
थोड़ा हंस कर बोलो हिंदी में दिल के निकाल कर सारे गम,
हिंदी का सम्मान करो और, हिंदी में ही जाओ सब रम।
रविंद्रनाथ, बच्चन व तुलसी ने, हिंदी साहित्य में पहचान बनाई,
करके रचना हिंदी में ही, हिंदी को राष्ट्र की शान बनाई।
मिलकर आज से ही सब हिन्दी का प्रसार करो,
जिस हिंदी को बोलने में सादगी है, उस हिंदी का व्यक्त आभार करो।
करके रचना हिंदी में हिन्दी को नमन करते है हम,
माॅडन हो गए हो फिर भी, गर्व से कहो हिंदी है हम।
-बाल कवि आशीष कुमार, सहारनपुर (उ. प्र.) २४७००१