मेरो पेट भयो चीन – प्रदीप कुमार जैन
ससुरे चीन की विस्तारवादी नीति से तो सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया परेशान है जब देखो तब अपने को बड़ावन की कोशिश में लगन रहे!
अभी कल ही ससुरन के लड़ाकू ताइवान में घुस गए रहे। वे उहन की राष्ट्रपति वाली वाई को परेशान करन खातिर इधर उधर घूमत रहे और बेचारी को अपनी रक्षा खातिर रक्षा बजट बड़ावन पड़ो।
कंफ्यूज होय गए का, होवन की तो बात ही है, शीर्षक में पेट और इहन कथा कही जाए रही चीन और ताइवान की!
अरे भैय्याजी तनिक जरा सबर रहेबे ! हम बात पेट की ही कर रह हे बस परिचय और कहें तो उपमा दे रहे सो तुम्हाए भेजा में आसानी से घुस जाए क्योंकि हमें पतो हे की तुम्हाओ भेजा और अकल में छत्तीस को आंकड़ों है या ये कहे सांप और नेवला जेसो बैर है!
का होए गओ, का के रहे हम फिर विषय से भटक गए, नही भटके ए थोड़ी देर में तुम्हाये भूसा भरे दिमाग में सब आ जाई।
तो हम कहे रहे कि हमाओ पेट चीन जैसो हो गओ और बड़त चलो जा रहो है । ससुरो को खूब कंट्रोल में रखे तोऊ इते उते फैल जात और ताइवान की भांति दूसरे अंगन को परेशान करे ।
का कईए बचपन को प्यार है, हमाओ तो नही है और हमे उम्मीद है की ये काऊ को प्यार नही होएगो काए की हमने तो दुनिया को पेट को पापी बोलत सुनो हे चीन की भांति!
जो पेट चीन जेसो पापी है ए तुम्हे पता है हम जाको तरह तरह के खाना और पकवान खिलावत हैं और जो ससुर हमई को ही परेशान करे ठीक वैसे ही जैसे चीन ! अब ससुरे चीन का ही उदाहरण लेलो।
हमाई सरकार ने इसके मुंह में संयुक्त राष्ट्र की स्थाई सदस्यता दे दी, ए हिंदी चीनी भाई भाई का रसपान भी करवा दियो और तो और अक्साई चीन को भी मिष्ठान्न के रूप में दे
दओ ! अब तुम कहोगे कि चीन ने तो लड़ाई के बाद वो अक्साई चीन जीतो हतोतो भैये ए मेरे बिना लड़ाई के मिठाई मिले काए बोलो।
और जे निर्लज्ज हमे ही परेशान करे, ससुरा नमक हराम । हमाए चाचाजी की पीठ पर ऐसा चक्कू घोंपा की फिर वे उबर नहीं पाए उस सदमे से।
तो हमाओ पेट भी एसो हे जाके अंदर कित्तो अच्छो तर माल डाल दे जे कभउ बापू के रस्ते पे नही चले हमेशा चीन की तरह बडवे की सोचे और फिर जादा से जादा जग्गा पर कब्जा करवे की सोचे ।
अब कल्लई की बात है हम हवाई जिहाज में अपनी सीट के पास पहुंचे तो देखो उहन एक बहुत बड़े चीन, हमाओ मतलब बहुत बड़े पेट बालो बाबू बैठो, बाको पेट इत्तो बड़ो की खूब कोशिश के बाद भी वा सीट पर दूसरो आदमी नहीं बैठ सको। जो जब जहाज बाली सुंदर बाई ने बा से प्रार्थना करी तो वो पहलें भारी गुस्सो हो गयो फिर टसुआ बहा के बोलो हम अपने पेट की विस्तारवादी नीति से परेशान हैं लेकिन का करें आपके पास कोऊ रस्तों हो तो बताओ। वो गऊ जैसी कछु नही बोली कायको उसके पति परमेश्वर को पेट भी विस्तारवादी नीति अपनाए हुए था।
सच्ची में बहुत दुख देत है ए हम एक और सच्ची घटना कहें, एक दिन का हुओं तुम्हे पतो है, अब तुम्हे कैसे पतो होयेगो, तुम थोड़ी वा लिफ्ट में थे जा लिफ्ट में हमाई सांस जात-जात बची। ऐसो हुओं कि हम घुसे लिफ्ट में तो अगली मंजिल से एक सुंदर बाई आ गई अब वो आई तो हमने आव देखो ना ताव जोर से सांस खेच लइ तासे हमाओ विस्तारवादी पेट अंदर हो जाऐ लेकिन ससुरी लिफ्ट उपर जाके अटक गई अब हमाये पास एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई । सांस ले तो फिगर की पोल खुल जाए और नही ले तो रामनाम सत्य हो जाए, जबरदस्त कशमकश फिर वो वाई हमाये जखमन पर नमक छिड़क कर बोली काहे को अपनी जान के दुश्मन बन रहे हो, हमे पता ही तुम्हाओ पेटऊ चीन ।
सच्ची में एसो लगो कि का बताएँ, एसो लगो की लिफ्ट फट जाए और हमऊको बस निगल जाए, जई एक तरीका समझ में आओ अपनी इज्जत बचाने को और पापी चीन से छुटकारा पाने को लेकिन एसो होने तो हतो नही बस मुंह छुपाए के आए गए।
हमे लगतो है ऊपरवाली आपबीती बहुतन लोगन की होगी।
तो एसो हे कि जा चीन जैसे पेट के लए भारतीय सेना बन जाओ और जाको डोकलाम ;कमर पेठाद्ध में अटकाए देओ और उहान से आगें नही बडन देओ नही तो कोई भी ससुरा आके ज्ञान बाटेंगो और गाएगो
बड़े मियां दीवाने ऐसे ना बनो
हसीना क्या चाहे तुम हमसे सुनो
इसलिए अबकी बार
विस्तारवादी पेट पर प्रहार