भोपाल सामूहिक भ्रमण पर पहुंचे “मेरा अपना पुस्तकालय” हरदा के युवा साथी
मध्य प्रदेश का एक छोटा सा जिला है हरदा जहां ग्रामीण और आदिवासी युवा साथी अपने और अपने गांव के शिक्षा को मजबूत करने का एक खूबसूरत प्रयास कर है। इस प्रयास का नाम है अपना पुस्तकालय और भ्रमण में जाने वाले सभी साथ अपने अपने गांव के पुस्तकालय के संचालक या सदस्य है।
विगत दिवस हरदा के ग्रामीण और आदिवासी युवा पास के शहर भोपाल में एक दिवसीय भ्रमण के लिए गए थे। यूं तो भोपाल लगभग १५० की. मी. ही दूर है लेकिन फिर भी कुछ साथ पहली बार भोपाल गए। कुछ साथ पहली बार सीखने और भ्रमण के उद्देश्य से गए।
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सुबह ६ बजे ही झिरी, भागपूरा, भादुगांव, नयापुरा,खेड़ा, संदलपुर,, जोगा, साल्याखेडी़, हंडिया आदि गांव से १८ युवा साथी भोपाल के लिए हरदा से निकल गए।
सबसे पहले NIWCYD संस्थान गए जहां संस्थान के राजीव भार्गव, संजय जी, रिंकू दुबे से उनके बाल कार्य को समझा और फिर कार्य का एक मॉडल देखने के लिए बाल पंचायत के बच्चों से मिले। बाल पंचायत भोपाल के बच्चों से मिलकर उनके कार्य के बारे में समझा और हरदा के युवाओं ने अपना पुस्तकालय के बारे में भी बताया और गीत संगीत के साथ फिर मिलने का इच्छा के साथ दूसरे संस्थान के लिए निकल गए।
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हरदा के युवाओं के पुस्तकालय में पढ़े जाने वाली शैक्षणिक किताबे एकलव्य संस्थान के पिटारा में उपलब्ध हैं, इसलिए सभी युवा साथियों को एकलव्य ले जाया गया जहां जलज कुमार जी ने उन्हे किताबों और उनके बनाने की कहानियों के बारे में विस्तार से बताया। एकलव्य का कार्यालय एक ग्रीन बिल्डिंग है और एकलव्य के साथी ने कार्यालय के पूरी संरचना के बारे में बताया। नयापुरा से गए विशाल कहते है, “एकलव्य की किताबे देखते ही पढ़ने का मन करता है। आज यहां आकर बहुत खुशी हो रही है।”
दोनों संस्थाओं के बाद सभी साथी आंचलिक विज्ञान केंद्र और आदिवासी- संग्रहालय गए। जहां विज्ञान के अचंभित नमूनों को देखा, आंचलिक तारामंडल देखा और आदिवासी संग्रहालय में अपने इतिहास की खूबसूरती से रूबरू हुए।
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संचालन समूह में राजेश विश्नोई, अमरीन अली, और पिंकी वर्मा ने किया। संचालन करते हुए, राजेश विश्नोई जी ने कहा, “बहुत जरूरी है कि युवा अपने कामों के जड़ों से जुड़े और नए सीख सीखते रहे। इसके लिए यह भ्रमण बहुत आवश्यक है। आज का दिन बहुत सफल हुवा क्योंकि तय सीख को हम युवाओं तक पहुंचा पाए।
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यह एक दिवसीय भोपाल यात्रा दो संस्थाओं के सांझा प्रयास से मुमकिन हो पाई। इस भ्रमण कार्यक्रम को “इनबुक फाउंडेशन बॉम्बे” एवं प्रोत्साहन एजुकेशन सोसायटी हरदा ने आयोजित किया,
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