श्री रमा शंकर शुक्ल – भगवान श्रीराम के रामेष्ट
कैफ़े सोशल टीम आज जिस शख्सियत का परिचय दे रही हैं, वह श्री रमा शंकर शुक्ल है। यह पेशे से अधिवक्ता और लेखक हैं। श्री रमा शंकर शुक्ल उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर के मुंडेरा शुक्ल के निवासी हैं।
इन्होंने कानून की पढ़ाई पूरी की है। ये विवेकानंद स्वाध्याय संघ से जुड़कर निर्धन बच्चों को पढ़ाने का भी कार्य कर चुके हैं और विभिन्न सामाजिक कार्यों में लगे रहते हैं।
यह भारतीय योग संस्थान द्वारा योग में टॉपर रहे है। इसी के साथ-साथ इन्होंने महर्षि वाग्भट द्वारा रचित अष्टांग हृदयम पर भी शोध कार्य किया है।
इसके साथ ही इनकी रुचि श्रीरामचरितमानस एवं श्रीमद्भगवद्गीता में भी है। इन्होंने अमेरिका से प्रसारित होने वाले एक यू ट्यूब चौनल विश्व यात्रा टाइम्स पर संपूर्ण 18 अध्याय 700 श्लोक की श्रीमद्भगवद्गीता का 3 भाषाओं (हिंदी, संस्कृत एवं अंग्रेजी) में वाचन किया है तथा साथ ही प्रभुपाद गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा विरचित श्री रामचरितमानस और विनय पत्रिका का भी वाचन किया है।
इसी दौरान इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ। जिसका निर्माण साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था, मुंबई द्वारा किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पूरी दुनिया में बिखरी रामकथा को एकत्रित करके 60 खंडों में प्रकाशित किया जाना है।
भारत तथा वैश्विक स्तर पर राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्राप्त अन्य सम्मान..
इन्हें मई 2022 में मॉरीशस के राष्ट्रपति महामहिम पृथ्वीराजसिंह रूपन जी से (स्टेट हाउस ऑफ मॉरीशस) राष्ट्रपति भवन मॉरीशस में और माननीय प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ जी से प्रधानमंत्री आवास मॉरीशस में उनके आमंत्रण पत्र शिष्टाचार भेंट कर के इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण देने और उपहार प्राप्त करने का सुअवसर प्राप्त हुआ ।
- इन्हें विज्ञान भवन, नई दिल्ली के मंच पर माननीय केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी जी, माननीय केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे जी, राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी जी, लोकसभा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जी के कर कमलों से साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था एवं उत्तर प्रदेश मंडल आफ अमेरिका कैलिफोर्निया, (उपमा) द्वारा वर्ष 2021 में विश्व राम संस्कृति सम्मान से सम्मानित किया
गया ।
- इन्हें विज्ञान भवन, नई दिल्ली के मंच पर भारत सरकार के मंत्रीगण तथा इंडोनेशिया अमेरिका मॉरीशस तथा जापान के विद्वानों के कर कमलों द्वारा वर्ष 2022 में विद्या मूरत साहित्यिक सम्मान से सम्मानित किया गया।
- इन्होंने विश्व हिंदी सचिवालय मॉरीशस में 11 मई 2022 को हिंदी के वैश्विक प्रसार में रामकथा की भूमिका विषयक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में आलेख प्रस्तुत किया ।
इन्हें विश्व हिंदी प्रतिष्ठापक सम्मान हिंदी प्रचारिणी सभा मॉरीशस एवं साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था मुंबई भारत द्वारा दिनांक 12 मई 2022 को मॉरीशस में सम्मानित किया गया। - इन्हें विशेषज्ञ वक्ता का सम्मान बृहद पुरोहित संघ मॉरीशस द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की महिमा के विविध रूप विषय पर मिला ।
इन्हें विश्व रामायण सारस्वत सम्मान से इंडोनेशिया के बाली स्थित
सुग्रीव यूनिवर्सिटी के प्रथम रामायण कॉन्फ्रेंस में विशिष्ट वक्ता के रूप
में व्याख्यान और सम्मानित किया गया।
इन्हें अंतरराष्ट्रीय हिंदी उत्कर्ष सम्मान 14 फरवरी 2022 को फिजी गिरमिट काउंसिल, हिंदी टीचर्स एसोसिएशन एवं फिजी हिंदी परिषद फिजी द्वारा सम्मानित किया गया।
इन्हें विश्व हिंदी सेवी सम्मान केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा द्वारा दिल्ली में सम्मानित किया गया ।
लेखन कार्य एवं संपादन कार्य … - इन्होंने श्री राम कथा का विश्व संदर्भ महाकोश के लोकगीत तथा लोक कथाओं में श्रीराम का संदर्भ ( प्रथम खंड) के संपादक मंडल के सदस्य के रूप में संपादकीय दायित्वों का निर्वहन किया ।
- इन्होंने श्री राम कथा का विश्व संदर्भ महाकोश भजन कीर्तन में श्री राम (द्वितीय खंड) के संपादक मंडल के सदस्य के रूप में संपादकीय दायित्वों का निर्वहन किया ।
- यह श्री राम कथा का विश्व संदर्भ महाकोश के खंड 18 श्री राम कथा का
वनवास पथ का संपादन कार्य कर रहे है… * इन्होंने भारत बोध (मॉरीशस यात्रा वृत्तांत) का संपादन किया है। - यह वर्तमान में इंडोनेशिया में भारतीय संस्कृति एवं रामलीला विषय पर
लेखन कार्य कर रहे है।
• आप विद्यार्थियों और युवाओं को भविष्य एवं चरित्र निर्माण के लिए क्या संदेश देना चाहेंगे।
क्योंकि मैं एक अधिवक्ता होने के नाते प्रत्येक युवा से कहना चाहूंगा कि वह
अपने जीवन में संविधान का ज्ञान अवश्य रखें। क्योंकि संविधान के माध्यम
से उन्हें अपने कर्तव्य और अधिकार का ज्ञान होगा तथा
अपने इस ज्ञान का उपयोग कमजोर वर्ग को न्याय
तथा उनका अधिकार दिलाने में करें।
तथा मौलिक रूप में सुव्यवस्थित तथा मर्यादित जीवन जीने के लिए प्रभुपाद गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा विरचित श्रीरामचरितमानस का नियमित स्वाध्याय अवश्य करें। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जीवन इस राष्ट्र के लिए आधार है।
‘रा’ अर्थात राष्ट्र ‘म’ अर्थात मंगल यानी जो राष्ट्र के मंगल है वही श्री राम है व्यक्ति, परिवार, समाज तथा राष्ट्र यह एक क्रम है। –
राष्ट्र को अनुशासित व मर्यादित रखने के लिए समाज अनुशासित होना चाहिए समाज को मर्यादित रखने के लिए परिवार का मर्यादित होना आवश्यक है और परिवार को मर्यादित रखने के लिए व्यक्ति को मर्यादित होना चाहिए। और व्यक्ति को अपने जीवन में मर्यादा बनाए रखने के लिए श्रीरामचरितमानस
ही एकमात्र सहारा है।
हमें श्रीराम के चित्र पूजन से चरित्र पूजन की तरफ आना होगा। और अपने जीवन में एक अच्छा पुत्र एक अच्छा भाई एक अच्छा पति और एक अच्छा पिता बनकर समाज के लिए एक आदर्श जीवन प्रस्तुत करना होगा । जब भारत का प्रत्येक युवा आदर्श और मर्यादित जीवन जिएगा तो निश्चित ही भारत एक दिन विश्व गुफ़ के पद पर आसीन होकर सम्पूर्ण विश्व का मार्ग प्रशस्त करेगा। जिससे विश्व बंधुत्व और वसुधैव कुटुंबकम की भावना भी चरितार्थ होगी।
अयं निजः परो वेति गणना लघु चेतसाम् । उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ।
ज्योतिषाचार्य और मानविकी संकायाध्यक्ष, मगध विश्वविद्यालय, गया