कारगिल नायक दीपचंद जी – लचीलेपन और दृढ़ संकल्प की मिसाल

वह दौड़ा -दौड़ा माता – पिता के पास जाता है और कहता है, ”मुझे भी सेना में भर्ती होना है। मैं भी युद्ध लडूंगा, देश की रक्षा करूंगा।“