फोन आया है: मुशर्रफ परवेज की कहानी

सर्दी का मौसम था। धूप की किरणें लग-भग अपने घर की ओर रवाना हो चुकी थी।विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के बाहर सड़क पर दोनों तरफ से गाड़ियाँ धाँय-धाँय करके अपनी-अपनी मंजिल की ओर जा रही थी।वहीं मेट्रो स्टेशन के बाहर लड़के-लड़कियाँ आपस में तरह-तरह की बातें कर रहे थें। कोई असाइनमेंट में कम अंक आने से, … Continue reading फोन आया है: मुशर्रफ परवेज की कहानी